केंद्र शासित प्रदेश के पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर यूनिट ने मंगलवार को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया.
J&K Congress holds protest in Delhi: कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर यूनिट ने मंगलवार को केंद्र शासित प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया. कांग्रेस महासचिव (संगठन) के सी वेणुगोपाल, जम्मू-कश्मीर के अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रभारी नसीर हुसैन और जम्मू-कश्मीर कांग्रेस प्रमुख तारिक हमीद कर्रा सहित अन्य नेताओं ने इस विरोध प्रदर्शन में भाग लिया. के सी वेणुगोपाल ने विरोध प्रदर्शन के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “जम्मू-कश्मीर किसी राज्य का दर्जा घटाकर केंद्र शासित प्रदेश बनाने का पहला उदाहरण है. इस तरह का लोकतांत्रिक पतन और राज्य के लोगों का अपमान अस्वीकार्य है.जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी, जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रही है. मैं भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुआ और संविधान की रक्षा और जम्मू-कश्मीर के लोगों के सम्मान को बहाल करने की आवश्यकता पर बात की. संसद में किए गए वादों को बिना किसी देरी के पूरा किया जाना चाहिए.”
खड़गे और राहुल गांधी ने लिखा पत्र
कांग्रेस ने पूरे जोर-शोर से कहा कि पार्टी संसद के मॉनसून सत्र में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग उठाएगी. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मानसून सत्र में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए विधेयक पारित करने पर जोर दिया था. मोदी को लिखे अपने संयुक्त पत्र में, मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने कहा था कि पिछले पांच वर्षों से, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लोग लगातार पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि यह मांग जायज है और उनके संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकारों पर पूरी तरह आधारित है.
क्या बोले गुलाम अहमद मीर?
कांग्रेस महासचिव व जम्मू-कश्मीर के नेता गुलाम अहमद मीर ने कहा, “कांग्रेस पार्टी ‘हमारी रियासत, हमारा हक’ अभियान चला रही है. ये बात दुनिया जानती है कि कैसे हमारी रियासत को तोड़ा और हमारे हक को छीन लिया गया. आज 10 महीने बीत चुके हैं, लेकिन सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया. स्टेटहुड हमारा हक. है. हम आवाम की मांग को लेकर यहां संसद के बाहर आए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे हालात बना दिए हैं कि आज जम्मू-कश्मीर में आम जनता पिस रही है. लेकिन हम शुक्रगुजार हैं कि हमारे नेताओं ने हमारी तकलीफ को समझते हुए सरकार को पत्र लिखे हैं और उनका वादा और जिम्मेदारी याद दिलाई है.
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