कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बीजेपी-आरएसएस को घेरते हुए बड़े आरोप लगाए हैं. जयराम रमेश ने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का भी जिक्र किया.
Jairam Ramesh Attacks BJP-RSS: कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने संविधान का जिक्र कर एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर निशाना साधा है. जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके बीजेपी-आरएसएस पर हमला बोला. जयराम रमेश ने एक्स पोस्ट में लिखा, “आरएसएस ने कभी भी भारत के संविधान को पूरी तरह स्वीकार नहीं किया. 30 नवंबर 1949 से ही उसने डॉ. अंबेडकर, नेहरू और संविधान निर्माण से जुड़े अन्य लोगों पर हमले किए. स्वयं आरएसएस के शब्दों में, यह संविधान मनुस्मृति से प्रेरित नहीं था. आरएसएस और बीजेपी ने बार-बार नए संविधान की मांग उठाई है. 2024 के लोकसभा चुनाव में यही प्रधानमंत्री मोदी का चुनावी नारा था. लेकिन भारत की जनता ने इस नारे को निर्णायक रूप से खारिज कर दिया. फिर भी, संविधान की मूल ढांचे को बदलने की मांग लगातार आरएसएस इकोसिस्टम द्वारा की जाती रही है. भारत के मुख्य न्यायाधीश ने स्वयं 25 नवंबर 2024 को उसी मुद्दे पर एक फैसला सुनाया था, जिसे अब एक प्रमुख आरएसएस पदाधिकारी द्वारा फिर से उठाया जा रहा है. क्या वे कम से कम उस फैसले को पढ़ने का कष्ट करेंगे.”
मीडिया से बातचीत में लगाया ये आरोप
जयराम रमेश ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “आरएसएस ने अपनी स्थापना के समय से ही संविधान पर हमला किया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कभी भी संविधान को स्वीकार नहीं किया. उन्होंने इसकी आलोचना की कि यह ‘मनुस्मृति से प्रेरित’ नहीं है. भाजपा द्वारा 2024 के चुनाव अभियान का नारा ‘400 पार’ था ताकि वे संविधान को बदल सकें. तत्कालीन भारत के मुख्य न्यायाधीश ने खुद 25 नवंबर, 2024 को एक प्रमुख आरएसएस पदाधिकारी द्वारा उठाए जा रहे मुद्दे पर फैसला सुनाया था. क्या उनसे इसे पढ़ने का कष्ट करने का अनुरोध करना बहुत ज्यादा होगा?”
अब अमेरिका ले रहा है भारत से जुड़े फैसले?
एक अन्य एक्स पोस्ट में जयराम रमेश ने लिखा, “राष्ट्रपति ट्रंप ने 16 बार दोहराया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम करवाने के लिए एक व्यापारिक समझौते को औजार की तरह इस्तेमाल किया. अब उन्होंने घोषणा की है कि भारत-अमेरिका के बीच यह व्यापार समझौता पर कुछ ही दिनों में दस्तखत होने जा रहा है. वे इसे ‘बहुत बड़ी डील’ कह रहे हैं. उम्मीद है कि यह वाकई बड़ी डील हो, क्योंकि इसी वजह से ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ को अचानक बंद कर दिया गया. जैसा कि अब साफ होता जा रहा है, भारत से जुड़े बेहद अहम फैसलों की जानकारी भी वॉशिंगटन डीसी स्थित व्हाइट हाउस से ही मिल रही है.”
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