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राहुल गांधी की इस मांग को चुनाव आयोग ने किया खारिज, कहा- पार्टी ने अपने नेता को नहीं दी सही जानकारी

by Sanjay Kumar Srivastava
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Rahul Gandhi

कांग्रेस की ऐसी मांग नई नहीं है. चुनाव आयोग के एक सूत्र ने बताया कि यह आठ वर्षों से अधिक समय से राजनीतिक पार्टी की रणनीति का हिस्सा है.

New Delhi: कांग्रेस चुनाव आयोग से महाराष्ट्र की डिजिटल मतदाता सूची मांग रही है.कांग्रेस नेता राहुल गांधी की इस मांग को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया है. चुनाव आयोग ने गुरुवार को कहा कि मौजूदा कानून के तहत राहुल गांधी की यह मांग तर्क संगत नहीं है. आयोग ने जोर देकर कहा कि पार्टी की इसी तरह की याचिका को 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी पिछले सात महीनों से मतदाता सूची की मशीन पठनीय, डिजिटल प्रति की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस की ऐसी मांग नई नहीं है. चुनाव आयोग के एक सूत्र ने बताया कि यह आठ वर्षों से अधिक समय से राजनीतिक पार्टी की रणनीति का हिस्सा है.

सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही कर दिया है खारिज

चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि गांधी द्वारा दोहराई गई मांग, कांग्रेस द्वारा ऐतिहासिक रूप से बनाए गए रुख के अनुरूप है. जो प्रचलित कानूनी ढांचे के दायरे में स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने बताया कि यह मुद्दा मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन अध्यक्ष कमल नाथ द्वारा 2018 में दायर एक रिट याचिका में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पहले ही उठाया जा चुका है. आयोग ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता गांधी को इस बात की उचित जानकारी नहीं दी गई होगी कि न्यायिक रिकॉर्ड में मामला किस निष्कर्ष पर पहुंचा है. कमल नाथ बनाम भारत चुनाव आयोग, (2019) में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए आयोग ने कहा कि शीर्ष अदालत ने पाया था कि उसे चुनाव आयोग की दलीलों में दम नजर आया.

याचिकाकर्ता को उपलब्ध कराई गई है सूची

चुनाव नियमावली के खंड 11.2.2.2 में टेक्स्ट मोड शब्द का इस्तेमाल किया गया है. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि याचिकाकर्ता को टेक्स्ट मोड में मतदाता सूची का मसौदा उपलब्ध कराया गया है. खंड में कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि मतदाता सूची के मसौदे को मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर खोज योग्य पीडीएफ में डाला जाना चाहिए. इसलिए याचिकाकर्ता अधिकार के तौर पर यह दावा नहीं कर सकता कि मतदाता सूची के मसौदे को खोज योग्य मोड में वेबसाइट पर डाला जाना चाहिए. इसे केवल टेक्स्ट मोड में होना चाहिए और ऐसा ही प्रावधान किया गया है. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था.

कानून के तहत सख्ती से होते हैं चुनावः आयोग

कांग्रेस ने बुधवार को चुनाव आयोग से महाराष्ट्र मतदाता सूची की मशीन-पठनीय डिजिटल प्रति और राज्य तथा हरियाणा के मतदान दिवस की वीडियो फुटेज एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराने का आग्रह किया था. कांग्रेस और गांधी ने लगातार चुनाव प्राधिकरण पर भाजपा की मदद के लिए मतदाता डेटा में हेराफेरी करने का आरोप लगाया है. गांधी ने आरोप लगाया है कि पिछले साल हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में धांधली हुई थी. चुनाव प्राधिकरण ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि चुनाव संसद द्वारा पारित चुनावी कानूनों के तहत सख्ती से होते हैं.

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