दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने साफ कर दिया है कि वो राज्यसभा नहीं जाएंगे. अब बड़ा सवाल ये है कि किस पर पार्टी दांव खेलेगी.
Arvind Kejriwal: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अगले दांव को लेकर राजनीतिक गलियारों में कयासों का दौर जारी है. इस बात का अनुमान लगाया जा रहा था कि शायद अरविंद केजरीवाल राज्यसभा जा सकते हैं और वहीं से आम आदमी पार्टी को मैनेज कर सकते हैं. लेकिन अब अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को जो कहा उसने सभी को चौंका दिया. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि वह पार्टी के मौजूदा राज्यसभा सदस्य संजीव अरोड़ा के पंजाब में लुधियाना पश्चिम उपचुनाव जीतने के बाद राज्यसभा नहीं जाएंगे. अहम ये है कि इस जीत के बाद अब संजीव अरोड़ा को राज्यसभा से इस्तीफा देना होगा.
प्रचार के दौरान क्या बोले थे केजरीवाल?
प्रचार के दौरान केजरीवाल ने घोषणा की थी कि अगर अरोड़ा उपचुनाव जीतते हैं तो उन्हें पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा. सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल से पूछा गया कि अरोड़ा की जगह पार्टी किसे नामित करेगी. उन्होंने मजाकिया अंदाज में जवाब दिया, “कई बार मुझे राज्यसभा भेजा गया है.” आप प्रमुख ने कहा कि पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति तय करेगी कि किसे नामित किया जाए, लेकिन वह उच्च सदन नहीं जा रहे हैं. लुधियाना पश्चिम उपचुनाव के लिए आप उम्मीदवार के तौर पर अरोड़ा के नाम की घोषणा के बाद विपक्ष यह दावा कर रहा था कि अरोड़ा की जगह केजरीवाल राज्यसभा जाएंगे.
किसे राज्यसभा भेजेगी AAP?
अरोड़ा की जगह संभावित उम्मीदवारों के तौर पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के नाम चर्चा में हैं. दिल्ली चुनाव में हार के बाद सिसोदिया को जरनैल सिंह की जगह पंजाब का प्रभारी बनाया गया था, जबकि जैन को राज्य का सह-प्रभारी बनाया गया था. दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और जैन केजरीवाल के भरोसेमंद सहयोगी हैं, जो हर मुश्किल वक्त में उनके साथ खड़े रहे हैं. सिसोदिया अपना ज्यादातर समय पंजाब में बिता रहे हैं. मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ लुधियाना पश्चिम में विजय जुलूस का नेतृत्व करने की संभावना है. हालांकि, पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि सिसोदिया उच्च सदन के लिए पार्टी की पसंद होंगे. पदाधिकारी ने कहा, “पार्टी फिलहाल राज्य में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. शिक्षा उन प्रमुख क्षेत्रों में से एक है, जहां पार्टी काम करना चाहती है. हमें नहीं पता कि राज्यसभा चुनाव कब होंगे। किसी भी नाम पर फैसला करना जल्दबाजी होगी.” एक अन्य पदाधिकारी ने कहा कि पार्टी पंजाब के किसी नेता को राज्यसभा के लिए भी नामित कर सकती है.
ये भी पढ़ें- J&K में विकास परियोजनाओं को मिला ग्रीन सिग्नल, CM उमर अब्दुल्ला ने की PM मोदी की तारीफ