Home Top News SIR पर खड़गे की हुंकारः बस, बहुत हो गया! अगर हम अब भी नहीं जागे तो ढह जाएगा लोकतंत्र

SIR पर खड़गे की हुंकारः बस, बहुत हो गया! अगर हम अब भी नहीं जागे तो ढह जाएगा लोकतंत्र

by Sanjay Kumar Srivastava
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Mallikarjun Kharge

Election Commission: कांग्रेस ने रविवार को विभिन्न राज्यों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) कार्य में लगे कुछ बूथ स्तरीय अधिकारियों (BLO) की मौत को लेकर भाजपा पर जमकर निशाना साधा.

Election Commission: कांग्रेस ने रविवार को विभिन्न राज्यों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) कार्य में लगे कुछ बूथ स्तरीय अधिकारियों (BLO) की मौत को लेकर भाजपा पर जमकर निशाना साधा. कहा कि SIR के जरिए BLO का उत्पीड़न किया जा रहा है. इस प्रकिया में लोग परेशान हो रहे हैं. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि अनावश्यक दबाव के कारण बूथ स्तर के अधिकारियों (BLO) की मौत को नजर अंदाज किया जा रहा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के नाम पर पूरे देश में अराजकता पैदा कर दी गई है. परिणाम? तीन हफ्तों में 16 BLO ने अपनी जान गंवा दी. दिल का दौरा, तनाव, आत्महत्या – SIR एक सुधार नहीं है, यह एक थोपा हुआ उत्पीड़न है. लोकसभा में विपक्ष के नेता ने आगे कहा कि भारत के चुनाव आयोग ने एक ऐसी प्रणाली बनाई है, जहां नागरिकों को अपना नाम खोजने के लिए 22 साल पुरानी मतदाता सूची के हजारों स्कैन किए गए पन्नों को छानना पड़ रहा है.

सत्ता के लिए लोकतंत्र की बलि

उन्होंने आरोप लगाया कि उद्देश्य स्पष्ट है: सही मतदाताओं को थका देना और मतदाता धोखाधड़ी को बेरोकटोक जारी रहने देना. राहुल गांधी ने कहा कि भारत दुनिया के लिए अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर विकसित करता है, लेकिन भारत का चुनाव आयोग अभी भी कागजी कार्रवाई का जंगल बनाने पर अड़ा हुआ है. पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने दावा किया कि अगर इरादे साफ होते तो सूची डिजिटल, खोज योग्य और मशीन-पठनीय होती और चुनाव आयोग 30 दिनों की जल्दबाजी में काम करने के बजाय पारदर्शिता और जवाबदेही पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपना समय लेता. गांधी ने कहा कि एसआईआर एक जानबूझकर की गई चाल है जिसके तहत नागरिकों को परेशान किया जा रहा है और अनावश्यक दबाव के कारण बीएलओ की मौत को नजरअंदाज किया जा रहा है.उन्होंने कहा कि यह विफलता नहीं है, यह एक साजिश है. सत्ता की रक्षा के लिए लोकतंत्र की बलि दी जा रही है.

नोटबंदी और लॉकडाउन से की SIR की तुलना

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस मुद्दे पर भाजपा की आलोचना की और दावा किया कि एसआईआर नोटबंदी और कोविड-19 लॉकडाउन की याद दिलाता है. उन्होंने कहा कि भाजपा की वोट चोरी ने अब घातक मोड़ ले लिया है. कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि काम का बोझ बीएलओ और मतदान अधिकारियों को आत्महत्या करने पर मजबूर कर रहा है. खड़गे ने कहा कि हर उस परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना है जिसने अपने प्रियजन को खोया है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा चोरी की गई सत्ता का आनंद लेने में व्यस्त है, जबकि चुनाव आयोग मूकदर्शक बनकर देख रहा है. एसआईआर का जल्दबाजी में अनियोजित और जबरन लागू किया जाना नोटबंदी और कोविड-19 लॉकडाउन की याद दिलाता है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की सत्ता की भूख संस्थाओं को आत्महत्या के लिए मजबूर कर रही है, संविधान की धज्जियां उड़ा रही है और सत्ता के दुरुपयोग के ज़रिए लोकतंत्र को कमज़ोर कर रही है. बस, बहुत हो गया! अगर हम अब भी नहीं जागे, तो लोकतंत्र के आखिरी स्तंभों को ढहने से कोई नहीं बचा सकता.

आवाज उठाएं, लोकतंत्र बचाएं!

कहा कि एसआईआर और वोट चोरी पर चुप रहने वाले लोग ही इन निर्दोष बीएलओ की मौत के ज़िम्मेदार हैं. अपनी आवाज़ उठाएं, लोकतंत्र बचाएं! उधर, पुलिस ने बताया कि पश्चिम बंगाल के नादिया ज़िले में बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के रूप में कार्यरत एक महिला शनिवार को अपने घर पर फंदे से लटकी हुई पाई गई. उसके परिवार के सदस्यों का दावा है कि वह एसआईआर के काम से तनाव में थी और उसने आत्महत्या कर ली. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीएलओ की मौत पर दुख व्यक्त किया और कहा कि यह अब सचमुच चिंताजनक हो गया है. इसके अलावा एसआईआर अभ्यास के लिए बीएलओ के रूप में काम करने वाले दो शिक्षकों की शुक्रवार को मध्य प्रदेश के रायसेन और दमोह जिलों में बीमारी से मृत्यु हो गई.

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