ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही विपक्षी दल संसद के विशेष सत्र की मांग कर रहे हैं. अब इस कड़ी में ही उन्होंने पीएम मोदी को पत्र लिखा है.
Opposition Demands Special Session of Parliament: भारतीय सशस्त्र बलों के साहस का परिचय कराने वाले ऑपरेशन सिंदूर पर देश में राजनीति गरमाई हुई है. विपक्षी दल लगातार इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेर रहे हैं और कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑपरेशन सिंदूर का राजनीतिकरण कर रहे हैं. पीएम मोदी पर निशाना साधने वाले नेताओं में मुख्य नाम पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का है. इस कड़ी में अब विपक्षी राजनीतिक दलों की आवाज और भी मुखर हो गई है. ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए विपक्षी दलों के सांसद विशेष सत्र की मांग को लेकर एकजुट हो गए हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 16 विपक्षी दलों के नेताओं ने पत्र लिखा है. अहम ये है कि मंगलवार, तीन जून 2025 को दिल्ली में विपक्षी राजनीतिक दलों के INDIA गठबंधन ने इस मुद्दे पर बैठक भी की.
किन पार्टियों के नेता हुए बैठक में शामिल?
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी और शिवसेना (यूबीटी) सहित कई दलों के नेताओं ने इस बैठक में शिरकत की. विपक्षी नेताओं ने कहा कि INDIA ब्लॉक के सांसदों ने संसद के विशेष सत्र की मांग को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को संबोधित एक पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं. कांग्रेस के जयराम रमेश और दीपेंद्र हुड्डा, टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन, एसपी के रामगोपाल यादव, आरजेडी के मनोज झा और शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत बैठक में शामिल हुए. डीएमके नेताओं ने भी पीएम मोदी को लिखे पत्र पर हस्ताक्षर किए. विपक्षी नेताओं ने बताया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस, सीपीआई (एम), आईयूएमएल, सीपीआई, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी), विदुथलाई चिरुथैगल काची (वीसीके), केरल कांग्रेस, एमडीएमके, सीपीआई (एमएल) लिबरेशन ने भी पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं. आम आदमी पार्टी (आप) ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया, लेकिन वह प्रधानमंत्री को अलग से पत्र लिखकर मांग करेगी. हालांकि, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (सपा) विशेष सत्र की मांग करने वाली पार्टियों में शामिल नहीं है.
क्यों की जा रही ये मांग?
पहलगाम आतंकी हमले के बाद से कई विपक्षी दल संसद के विशेष सत्र की मांग कर रहे हैं. सांसदों को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी देने के लिए आयोजित सर्वदलीय बैठक में भी यह मांग उठाई गई. तृणमूल कांग्रेस ने सुझाव दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख से अवगत कराने के लिए विभिन्न देशों की यात्रा कर रहे बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों के देश लौटने के बाद जून में सत्र आयोजित किया जाना चाहिए.
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