Home अपराध कौन था मुन्ना बजरंगी, जेल में जिसकी हत्या के बाद डर गया था माफिया मुख्तार अंसारी

कौन था मुन्ना बजरंगी, जेल में जिसकी हत्या के बाद डर गया था माफिया मुख्तार अंसारी

by Live Times
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Munna Bajrangi Murdered In Jail : मुन्ना बजरंगी ने 17 वर्ष की उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था और उसी दौरान सुरेही थाने में उसके खिलाफ मर्डर का मुकदमा दायर किया गया था.

29 March, 2024

Munna Bajrangi Murdered In Jail : उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर्स में से एक ‘मुन्ना बजरंगी’ ने 15 वर्ष पहले फिल्मी अंदाज में गोली मारकर कृष्णानंद राय की हत्या कर दी थी. वह मुख्तार अंसारी का बेहद करीबी था और अब दोनों ही इस दुनिया में नहीं हैं. मुन्ना ने किशोर अवस्था तक आते-आते जुर्म की दुनिया में कदम रख दिया था. उसके खिलाफ 40 से ज्यादा मर्डर के मामले दर्ज थे. उसने जौनपुर के भाजपा नेता रामचंद्र सिंह की हत्या करके पूर्वांचल में अपना दबदबा बनाने की कोशिश की. मुन्ना बजरंगी ने राजनेता मुख्तार अंसारी के साथ भी कई अपराधों को अंजाम दिया.

17 साल की उम्र में जौनपुर थाने में हुआ था केस दर्ज

बता दें कि मु्न्ना बजरंगी का असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह था और उसका जन्म यूपी के जौनपुर जिले के पूरेदयाल गांव में पैदा हुआ था. उसने 5वीं कक्षा में ही अपनी पढ़ाई छोड़ दी और उसके बाद मुन्ना को हथियार रखने का काफी शौक चढ़ने लगा था. धीरे-धीरे उसे गैंगस्टर बनने का भूत सवार होने लगा. 17 साल की उम्र में जौनपुर के सुरेही थाने में उसके खिलाफ पहली बार हत्या और डकैती का मामला दर्ज हुआ. इसके बाद देखते ही देखते मुन्ना का अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ने लगा.

क्या रची गई थी फर्जी एनकाउंटर की साजिश?

मुन्ना बजरंगी की हत्या से पहले उसकी पत्नी सीमा सिंह ने कहा था कि मेरे पति की जान के लिए खतरा है, उनके खिलाफ फर्जी एनकाउंटर की साजिश रची जा रही है. यूपी पुलिस, एसटीएफ और सफेद लिबास में कुछ लोग कह रहे हैं कि फर्जी एनकाउंटर में मार दिया जाए. 1993 में जौनपुर के लाइन पर स्थित बीच बाजार में भाजपा नेता राम चन्द्र सिंह और उनके सरकारी गनर अब्दुल्लाह और तीन अन्य लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी. फिर मुन्ना ने उत्तर प्रदेश में अपने पैर पसारने शुरू कर दिए.

2005 में की थी भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या

साल 1995 में मुन्ना बजरंगी ने कैंट इलाके में छात्र नेता राम प्रकाश शुक्ल की हत्या कर दी. इसके बाद 1996 में सबसे बड़ी घटना को अंजाम देते हुए गैंगस्टर ने राम थाना के जमालपुर के पास AK-47 से ब्लॉक प्रमुख कैलाश दुबे, पंचायत सदस्य राजकुमार सिंह के साथ तीन लोगों की हत्या कर दी थी. मुन्ना बजरंगी ने पूर्वांचल में अपना दबदबा बनाने के बाद राजनेता मुख्तार अंसारी के गैंग में शामिल हो गया था. वह लगातार मुख्तार गैंग के लिए लोगों की हत्या और लूटपाट कर रहा था. वहीं, 29 नंवबर 2005 को मुख्तार के कहने पर ही भाजपा विधायक कृष्णानंद राय को दिन दहाड़े मार डाला. इसके बाद अगले दिन राजनीतिक क्षेत्र में इसने हलचल मचा दी और हर कोई मुन्ना बजरंग के नाम का खौफ खाने लगा.

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