एक मुस्लिम धर्मगुरु द्वारा समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के मामले ने तूल पकड़ लिया है. एनडीए सांसदों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन कर विरोध जताया.
New Delhi/Lucknow: एक मुस्लिम धर्मगुरु द्वारा समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के मामले ने तूल पकड़ लिया है. एनडीए सांसदों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और उनकी पार्टी व विपक्ष के अन्य सांसदों की “चुप्पी” पर सवाल उठाए. इस मामले में उत्तर प्रदेश में एक एफआईआर भी दर्ज की गई है. डिंपल यादव ने हालांकि कहा कि अगर मणिपुर में हुई हिंसा जैसी घटनाओं के दौरान भी इसी तरह की एकजुटता दिखाई जाती, तो एनडीए का आक्रोश और भी सार्थक होता. कथित तौर पर मौलाना साजिद राशिद नाम के धर्मगुरु ने यादव पर यह महिला विरोधी टिप्पणी की थी, जो एक मस्जिद में हुई बैठक में साड़ी पहने हुए थीं. उन्होंने उनकी तुलना एक अन्य महिला सपा सांसद इकरा हसन से की थी, जिन्होंने अपना सिर ढका हुआ था.
संसद भवन परिसर में जताया विरोध
एक टीवी बहस के दौरान की गई इस टिप्पणी की सोशल मीडिया पर और भाजपा की बांसुरी स्वराज और कांग्रेस की रेणुका चौधरी सहित महिला सांसदों ने व्यापक निंदा की. सत्तारूढ़ एनडीए सांसदों, विशेषकर महिला सांसदों ने संसद भवन परिसर में मकर द्वार के पास विरोध प्रदर्शन किया और नारे लगाए, “नारी शक्ति का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान. स्वराज ने इस टिप्पणी को “बेहद शर्मनाक” और “अस्वीकार्य” बताया और डिंपल यादव के पति, सपा नेता अखिलेश यादव और व्यापक विपक्ष की चुप्पी पर सवाल उठाया. संसद परिसर में पीटीआई वीडियोज़ से बातचीत में स्वराज ने कहा, “क्या पूरा विपक्ष इस अभद्र टिप्पणी से सहमत है? यह बेहद शर्मनाक है कि एक मौजूदा सांसद के खिलाफ इतनी आपत्तिजनक और अनुचित टिप्पणी की गई, और फिर भी उनके पति और उनकी पूरी पार्टी चुप है.” उन्होंने विपक्ष पर महिलाओं की गरिमा की बजाय “तुष्टिकरण की राजनीति” को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया और कहा कि एनडीए डिंपल यादव सहित हर महिला के लिए आवाज उठाता रहेगा.
कांग्रेस नेत्री रेणुका चौधरी ने की निंदा
कांग्रेस नेत्री रेणुका चौधरी ने भी मौलवी की टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा, “यह उनकी मानसिकता और संस्कार को दर्शाता है. उनकी हिम्मत कैसे हुई इस तरह बोलने की? चाहे डिंपल यादव हों या कोई और महिला, ऐसी बातें कैसे कही जा सकती हैं? ये लोग कौन हैं और कहां से आते हैं?” जेडी(यू) सांसद लवली आनंद ने मौलवी से माफी की मांग की. उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से अपनी पत्नी डिंपल यादव का साथ देने को कहा. उन्होंने पीटीआई से कहा, “तब दूसरी महिलाओं को भी भरोसा होगा.” एनडीए से मिले समर्थन पर प्रतिक्रिया देते हुए डिंपल यादव ने सवाल उठाया कि मणिपुर में हुई हिंसा के दौरान उन्होंने विरोध प्रदर्शन क्यों नहीं किया. उन्होंने कहा, “यह अच्छी बात है कि अब कार्रवाई हो रही है, लेकिन बेहतर होता अगर मणिपुर जैसी भयावह घटनाओं के सोशल मीडिया पर फुटेज के ज़रिए सामने आने पर भी इसी तरह का विरोध और समर्थन दिखाई देता.”संसद परिसर में पत्रकारों से उन्होंने कहा, “अगर उस समय लोग ऑपरेशन सिंदूर के मुद्दे पर उसी तरह एकजुट होते जैसे आज हैं, तो यह सच्ची चिंता दर्शाता.
बयान से महिलाओं की गरिमा को ठेस
इस बीच, लखनऊ में स्थानीय निवासी प्रवेश यादव की शिकायत के आधार पर रविवार शाम विभूति खंड थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई.उन्होंने रशीदी पर “बेहद आपत्तिजनक, भड़काऊ और महिला विरोधी टिप्पणी” करने का आरोप लगाया, जो “अपमानजनक और स्त्री द्वेषपूर्ण” थी और जिसका उद्देश्य “धार्मिक विद्वेष और सांप्रदायिक तनाव भड़काना” था. एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की कई धाराओं का हवाला दिया गया है, जिनमें 79 (महिला की गरिमा का अपमान करना), 196 (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 197 (राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक) शामिल हैं. प्रवेश यादव की शिकायत में आगे आरोप लगाया गया कि सोशल मीडिया और राष्ट्रीय टेलीविजन पर सार्वजनिक रूप से की गई रशीदी की टिप्पणी “एक महिला की व्यक्तिगत गरिमा का अपमान” है. उन्होंने कहा, “ऐसे बयान न केवल महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं, बल्कि देश की एकता, अखंडता और शांति के लिए भी खतरा पैदा करते हैं. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और निष्कर्षों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी.
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