Home राज्यBihar चिराग का दावाः सीट बंटवारे को लेकर NDA में कोई दरार नहीं, जन सुराज के साथ गठबंधन की बात महज अफवाह

चिराग का दावाः सीट बंटवारे को लेकर NDA में कोई दरार नहीं, जन सुराज के साथ गठबंधन की बात महज अफवाह

by Sanjay Kumar Srivastava
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Chirag Paswan

LJP (Ram Vilas): केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने पार्टी की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए आपात बैठक बुलाई है.

LJP (Ram Vilas): आगामी बिहार विधानसभा चुनावों के लिए सीट बंटवारे को लेकर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने पार्टी की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए आपात बैठक बुलाई है. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर एनडीए के भीतर कोई मतभेद नहीं हैं. बुधवार को खगड़िया में पत्रकारों से बात करते हुए चिराग ने कहा कि सूत्रों के आधार पर मेरे बारे में प्रसारित खबर पूरी तरह से झूठी और निराधार है. मैं किसी से नाराज नहीं हूं. एनडीए में सीट बंटवारे के मुद्दे को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा. हालांकि, पार्टी ने चुनाव से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने और पार्टी की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए गुरुवार को पटना में अपने नेताओं की एक तत्काल बैठक बुलाई है. दो चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव 6 और 11 नवंबर को होंगे, जबकि वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी.

सीटों की नहीं, बिहार को लूटने की लड़ाईः जन सुराज

पार्टी के नेताओं ने प्रशांत किशोर की जन सुराज के साथ संभावित गठबंधन की खबरों का भी खंडन किया है.प्रशांत किशोर ने भी ऐसे किसी समझौते से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि यह सीटों की लड़ाई नहीं है. बिहार को लूटने की लड़ाई है. हर पार्टी अधिक सीटें हासिल करना चाहती है ताकि वे बिहार को और अधिक लूट सकें. हमारा किसी राजनीतिक दल से गठबंधन नहीं है. हमारा गठबंधन जनता के साथ है. उन्होंने जन सुराज और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के बीच संभावित गठबंधन की खबरों का खंडन किया. बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए के सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर कलह बुधवार को सामने आ गई, हालांकि भाजपा, जिसने इस मुद्दे पर अपने नेताओं की मैराथन बैठक की, ने दावा किया कि गठबंधन में सब कुछ ठीक है. केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा कि वह अनुरोध कर रहे हैं, दावा नहीं कर रहे हैं कि उनकी पार्टी को सम्मानजनक संख्या में सीटें दी जाएं. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांग को नजरअंदाज किया गया तो हम चुनाव नहीं लड़ेंगे.

पार्टी को मान्यता दिलाना मांझी का मकसद

मांझी ने संवाददाताओं से कहा था कि अगर हमें विधानसभा चुनाव में कम से कम 15 सीटें नहीं दी गईं तो यह मेरे और मेरी पार्टी के लिए अपमानजनक होगा. अगर हमें 15 सीटें मिलती हैं, तो हम आसानी से कम से कम 8-9 सीटें जीत सकते हैं और एक मान्यता प्राप्त पार्टी बन सकते हैं. स्थापना के 10 साल बाद भी HAM एक गैर-मान्यता प्राप्त पार्टी बनी हुई है. मैं लंबे समय से एनडीए की मदद कर रहा हूं. इसलिए मैं एनडीए नेताओं से अनुरोध कर रहा हूं, कोई दावा नहीं कर रहा हूं. अगर हमें सम्मानजनक संख्या में सीटें नहीं मिलती हैं तो मेरी पार्टी चुनाव नहीं लड़ना पसंद करेगी. लेकिन, मुझे यह स्पष्ट करना चाहिए कि अगर हम चुनाव नहीं लड़ते हैं, तब भी हमारी पार्टी एनडीए सहयोगियों के लिए काम करती रहेगी.

भाजपा की संसदीय बोर्ड लेगी अंतिम निर्णय

उधर, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े सहित वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने बुधवार को पटना में पार्टी पदाधिकारियों से मुलाकात की ताकि सीट बंटवारे पर चर्चा की जा सके और उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप दिया जा सके. बैठक के बाद भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने कहा कि एनडीए के भीतर सब कुछ ठीक है. सीट बंटवारे और उम्मीदवारों के बारे में अंतिम निर्णय पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक में लिया जाएगा. एनडीए के सूत्रों के अनुसार, जेडी(यू) और भाजपा क्रमशः 102 और 101 सीटों पर चुनाव लड़ सकती हैं. चिराग की पार्टी, जो पहले लगभग 20-22 सीटों पर समझौता कर गई थी, अब पूछ रही है कम से कम 25 और सीटें चाहिए. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना ​​है कि पार्टी को कम से कम 45 सीटें मिलनी चाहिए.

ये भी पढ़ेंः पासवान परिवार में सियासी दरार: चिराग को चाचा पारस की खुली चुनौती, सभी सीटों पर देंगे टक्कर

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