2015-16 और 2022-23 के बीच दिल्ली सरकार के स्कूलों में 12,000 से अधिक कक्षाओं के निर्माण में 2,000 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितताएं की गईं.
New Delhi: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को पिछली आप सरकार के दौरान हुए दो हजार करोड़ रुपये के कक्षा निर्माण घोटाले में राष्ट्रीय राजधानी में 37 स्थानों पर छापा मारा. ED ने हाल ही में उक्त आरोपों में दिल्ली भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) की प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज करने के बाद छापेमारी की. ईडी के अधिकारियों ने मामले से जुड़े ठेकेदारों और निजी संस्थाओं के कम से कम 37 परिसरों में छापा मारा है.
आप का दावा- कक्षाओं के निर्माण में कोई भ्रष्टाचार नहीं
दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्रियों मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ ACB ने 30 अप्रैल को मामला दर्ज किया था. प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि 2015-16 और 2022-23 के बीच दिल्ली सरकार के स्कूलों में 12,000 से अधिक कक्षाओं या अर्ध-स्थायी संरचनाओं के निर्माण में 2,000 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितताएं की गईं. सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि ईडी मामले में भी यही आरोप हैं. दिल्ली एसीबी के मामला दर्ज होने के बाद आप ने आरोप लगाया था कि सत्तारूढ़ भाजपा अपने नेताओं को निशाना बनाने के लिए जांच एजेंसी (एसीबी) का इस्तेमाल एक उपकरण के रूप में कर रही है और दावा किया कि कक्षाओं के निर्माण में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है.
सिसोदिया के जिम्मे था वित्त और शिक्षा विभाग
53 वर्षीय सिसोदिया ने पिछली आप सरकार में वित्त और शिक्षा विभाग संभाला था और 60 वर्षीय जैन लोक निर्माण विभाग और कुछ अन्य मंत्रालयों के प्रभारी थे. इस मामले में पूछताछ के लिए एसीबी ने इस महीने की शुरुआत में दोनों को बुलाया था. जैन ने एक बार गवाही दी थी, जबकि सिसोदिया ने तारीख को छोड़ दिया और उन्हें एसीबी द्वारा फिर से बुलाए जाने की उम्मीद है. आप ने एसीबी के समन को “शुद्ध राजनीति” कहा था. सूत्रों के अनुसार, ईडी को संदेह है कि परियोजनाओं (प्राथमिकता 1 और प्राथमिकता 2) का निष्पादन बढ़ी हुई लागत, प्रक्रियात्मक खामियों और सार्वजनिक धन के दुरुपयोग के साथ किया गया था. सूत्रों ने कहा कि सार्वजनिक शिक्षा सुविधाओं में सुधार के घोषित उद्देश्य के बावजूद, निर्माण की लागत कथित तौर पर मानक सरकारी मानदंडों से बहुत अधिक थी.इसकी तुलना 5-सितारा होटल जैसे लक्जरी प्रतिष्ठानों के निर्माण की लागत से की जा सकती है.
दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार हुए थे सिसोदिया
सिसोदिया और जैन दोनों की ईडी द्वारा पहले अलग-अलग मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में जांच की जा चुकी है. सिसोदिया को दिल्ली शराब घोटाला मामले में एजेंसी ने गिरफ्तार किया था और उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था, जबकि जैन को 2022 में हिरासत में लिया गया था और बाद में कथित हवाला लेनदेन और आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था. केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) द्वारा इस मामले में खामियों को चिन्हित किए जाने के बाद एसीबी की एफआईआर दर्ज की गई. भाजपा नेता नीलकांत बख्शी, कपिल मिश्रा और हरीश खुराना ने 2019 में एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें दिल्ली के तीन क्षेत्रों में कक्षाओं के निर्माण में गंभीर वित्तीय धांधली का आरोप लगाया था.
प्रति कक्षा 24.86 लाख रुपये किए गए खर्च
एसीबी ने आरोप लगाया कि परियोजना पर कुल 2,892 करोड़ रुपये का खर्च आया, जिससे प्रति कक्षा की लागत 24.86 लाख रुपये हो गई, जबकि मानक मानदंडों के तहत प्रति कमरे अनुमानित 5 लाख रुपये थी. इसने दावा किया कि परियोजना को 34 ठेकेदारों को दिया गया था, जिनमें से अधिकांश कथित तौर पर AAP से जुड़े थे. निर्माण में अर्ध-स्थायी संरचनाएं शामिल थीं जिनकी अपेक्षित जीवन अवधि 30 साल थी, फिर भी लागत प्रबलित सीमेंट कंक्रीट (आरसीसी) संरचनाओं से मेल खाती थी, जो आमतौर पर 75 साल तक चलती हैं. एसीबी ने आगे दावा किया कि परियोजना के लिए सलाहकार और वास्तुकार को उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना नियुक्त किया गया था.
ये भी पढ़ेंः चांदनी चौक में ट्रेडिंग ऑफिस से 26 लाख रुपये की लूट, 4 गिरफ्तार, पुलिस ने खंगाली 250 सीसीटीवी फुटेज