आंबेकर ने कहा कि समाज में बदलाव, देश को प्रगति के पथ पर ले जाने जैसे सकारात्मक विषयों के कारण बड़ी संख्या में लोग संघ से जुड़ रहे हैं.
New Delhi: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने गुरुवार को कहा कि उस पर राजनीतिक हमला नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह एक सामाजिक संगठन है जो समाज के हर वर्ग और देश की प्रगति के लिए काम कर रहा है. यह बातें शुक्रवार से यहां शुरू हो रहे प्रांत प्रचारकों की तीन दिवसीय बैठक के बारे में जानकारी देने के लिए आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में आरएसएस के राष्ट्रीय प्रचार एवं मीडिया विभाग के प्रमुख सुनील आंबेकर ने कही. सवालों के जवाब में आरएसएस के राष्ट्रीय प्रचार एवं मीडिया विभाग के प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि संघ जमीनी स्तर पर अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से समाज से “स्वाभाविक तरीके” से जुड़ता है.
संघ से समाज का हर वर्ग जुड़ रहा
आलोचकों द्वारा अक्सर यह आरोप लगाए जाने पर कि संघ में पिछड़े समुदायों के सदस्यों के लिए कोई जगह नहीं है, उनकी टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि संघ की प्रक्रिया में पूरा समाज हमारी दृष्टि में है. यही कारण है कि आज संघ का कार्य देश भर में फैल रहा है और देश के कोने-कोने तक पहुंच रहा है. उन्होंने कहा कि इसलिए मेरा मानना है कि जब इन सवालों पर राजनीतिक चर्चा हो रही है, तो संघ को इससे दूर रहना चाहिए. यह समाज के हर वर्ग को अपने तरीके से जोड़ रहा है. लोग हर तरह से इससे जुड़ रहे हैं. संघ को संघ के नजरिए से ही देखा जा सकता है.
सभी वर्गों के लोग निभा रहे जिम्मेदारी
आरएसएस के एक पदाधिकारी ने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) सहित समाज के सभी वर्गों के लोग स्वयंसेवक और पदाधिकारी के रूप में संघ से जुड़े हुए हैं. सौंपी गई जिम्मेदारियों को पूरा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आरएसएस में जाति या समुदाय के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है. आंबेकर ने कहा कि समाज में बदलाव, देश को प्रगति के पथ पर ले जाने जैसे “सकारात्मक विषयों” के कारण बड़ी संख्या में लोग आरएसएस से जुड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश के स्वाभिमान के इन विषयों से बहुत से लोग जुड़ रहे हैं और इसका समर्थन भी कर रहे हैं. हमारे काम के लिए हमें जो समर्थन मिल रहा है, उससे निश्चित रूप से कई चीजें स्पष्ट हो गई हैं कि लोग इस मुद्दे या संघ को किस तरह देखते हैं.
ये भी पढ़ेंः सत्ता के लिए मायावती का साथ चाहते हैं अखिलेश यादव? पुरानी तस्वीर पर बयान से अटकलें तेज