कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसानों की हत्या से जुड़ा एक पोस्ट गुरुवार को शेयर किया जिसपर अब महाराष्ट्र के मंत्री माणिकराव कोकाटे ने सवाल उठाए हैं.
Rahul Gandhi Vs Manikrao Kokate: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दावों पर महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे की प्रतिक्रिया सामने आई है. महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने गुरुवार को कहा कि उन्हें कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए किसानों की आत्महत्या के आंकड़ों की जांच करनी होगी. कोकाटे ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए कि आखिर राहुल गांधी को ये आंकड़े कहां से मिले हैं. बता दें कि राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि वह किसानों की दुर्दशा के प्रति उदासीन बनी हुई है, जबकि किसान हर दिन कर्ज में डूबते जा रहे हैं. एक्स इन हिंदी पर एक पोस्ट में, लोकसभा में विपक्ष के नेता ने सरकार पर किसानों की कर्ज माफी और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाया. गांधी ने एक समाचार रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट भी साझा किया, जिसमें महाराष्ट्र में पहले तीन महीनों में किसानों की आत्महत्या की संख्या 767 बताई गई है.
क्या बोले माणिकराव कोकाटे?
माणिकराव कोकाटे ने न्यूज एजेंसी PTI से कहा, “मैं केंद्र से जुड़ा नहीं हूं, मैं राज्य सरकार का हिस्सा हूं. मुझे किसानों की आत्महत्या के इन आंकड़ों की जांच करनी होगी. मुझे नहीं पता कि राहुल गांधी को ये आंकड़े कहां से मिले.” भाजपा विधायक बबनराव लोनीकर द्वारा राज्य सरकार के आलोचकों को यह दावा करने पर कि सत्ताधारी पार्टी ने उन्हें उनके पहनने के लिए कपड़े और मोबाइल फोन जैसी अन्य सुविधाएं दी हैं, कोकाटे ने कहा कि लोनीकर पहले ही माफी मांग चुके हैं. इस पर एनसीपी नेता ने पूछा, “उन्होंने सदन में पहले ही माफी मांग ली है, अब और क्या किया जाना चाहिए?” संयोग से, कोकाटे का एनसीपी (एसपी) विधायक रोहित पवार ने मजाक उड़ाया, जिन्होंने उन्हें “मिस्टर जैकेट” कहते हुए एक बैनर पकड़ा हुआ था.
राहुल ने किया था ये पोस्ट
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्स पोस्ट में लिखा, “सोचिए.. सिर्फ 3 महीनों में महाराष्ट्र में 767 किसानों ने आत्महत्या कर ली. क्या ये सिर्फ एक आंकड़ा है? नहीं। ये 767 उजड़े हुए घर हैं. 767 परिवार जो कभी नहीं संभल पाएंगे. और सरकार? चुप है. बेरुखी से देख रही है. किसान हर दिन कर्ज में और गहराई तक डूब रहा है – बीज महंगे हैं, खाद महंगी है, डीजल महंगा है.. लेकिन MSP की कोई गारंटी नहीं. जब वो कर्ज माफी की मांग करते हैं, तो उन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है. लेकिन जिनके पास करोड़ों हैं? उनके लोन मोदी सरकार आराम से माफ कर देती है. आज की ही खबर देख लीजिए – अनिल अंबानी का ₹48,000 करोड़ का SBI “फ्रॉड”. मोदी जी ने कहा था, किसान की आमदनी दोगुनी करेंगे – आज हाल ये है कि अन्नदाता की जिदगी ही आधी हो रही है. ये सिस्टम किसानों को मार रहा है – चुपचाप, लेकिन लगातार और मोदी जी अपने ही PR का तमाशा देख रहे हैं.”
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