समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने आजमगढ़ में पार्टी के नए आवास और कार्यालय परिसर का उद्घाटन करते हुए एक ऐसा बयान दिया जिससे सियासी अटकलें तेज हो गई हैं.
Akhilesh Yadav: समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को आजमगढ़ में पार्टी के नए आवास और कार्यालय परिसर का उद्घाटन किया. उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए अखिलेश ने भीड़ में मौजूद एक युवा पार्टी कार्यकर्ता द्वारा दिखाई गई तस्वीर का जिक्र किया. उन्होंने कहा, “उस तस्वीर में नेताजी (मुलायम सिंह यादव) और कांशीराम एक साथ हैं. सोचिए वह समय कितना महत्वपूर्ण था – जब दो विचारधाराएं एक साथ खड़ी थीं.” पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के संस्थापक कांशीराम के “ऐतिहासिक” साथ आने का जिक्र करते हुए कहा कि यह सामाजिक न्याय के लिए वैचारिक गठबंधन की शक्ति को दर्शाता है. बता दें कि दलित नेता कांशीराम और मुलायम सिंह ने 1990 के दशक की शुरुआत में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ हाथ मिलाया था, जो उस समय उभर रही थी. 2027 के राज्य चुनावों से पहले पार्टी की पूर्वी उत्तर प्रदेश में मौजूदगी के रणनीतिक विस्तार को चिह्नित करते हुए अखिलेश ने कहा कि आजमगढ़ का उनके पिता मुलायम सिंह के साथ विशेष भावनात्मक जुड़ाव रहा है
क्या बोले अखिलेश यादव?
अखिलेश यादव ने कहा, “आजमगढ़ में जो प्यार और सम्मान मिलता है, वह दुर्लभ है. नेताजी का इस जगह से गहरा भावनात्मक जुड़ाव था और यहां के लोग हमेशा उनके साथ खड़े रहे.” मुलायम सिंह को लोग प्यार से ‘नेताजी’ कहकर बुलाते थे. अपने राजनीतिक सफर पर बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, “मेरे जीवन का एक चौथाई हिस्सा राजनीति में बीता है. मुझे याद है कि कैसे आजमगढ़ के लोगों ने नेताजी की जीत सुनिश्चित की थी.”
बीजेपी पर अखिलेश ने किया कटाक्ष
भाजपा पर कटाक्ष करते हुए अखिलेश ने कहा, “उनके पास कई मंजिलों वाले कार्यालय हैं, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है. यहां उनका कार्यालय छोटा है, क्योंकि उन्हें पता है कि वे यहां से नहीं जीतेंगे.” अपने कार्यकाल में हुए बुनियादी ढांचे के विकास की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, “लखनऊ से आजमगढ़ पहुंचने में उतना ही समय लगता है, जितना इटावा के सैफई पहुंचने में लगता है, यह हमारे द्वारा बनाए गए एक्सप्रेसवे की बदौलत है.” आजमगढ़ की सभी 10 विधानसभा सीटें और दोनों लोकसभा क्षेत्र वर्तमान में सपा के कब्जे में हैं. अखिलेश ने 2019 से 2024 तक संसद में आजमगढ़ का प्रतिनिधित्व किया. अब इस सीट पर उनके चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव का कब्जा है. सपा पदाधिकारियों ने कहा कि यह इटावा में सैफई के बाद अखिलेश का दूसरा स्थायी ठिकाना होगा. परिसर में पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए एक प्रशिक्षण केंद्र भी विकसित किया जाएगा, जिसकी आधारशिला यात्रा के दौरान रखी जाएगी.
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