सेब व्यापारियों ने GST को 12 फीसदी से घटाकर 5 प्रतिशत करने की मांग की.मंत्री पीयूष गोयल ने व्यापारियों को उनकी मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया.
New Delhi: बढ़ते कर के बोझ तले दबे जम्मू-श्रीनगर के सेब व्यापारियों ने रविवार को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात कर राहत देने की मांग की. मंत्री पीयूष गोयल से सेब व्यापारियों ने कहा कि GST को 12 फीसदी से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया जाए. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को जम्मू-कश्मीर के सेब व्यापारियों को आयात से अधिक सुरक्षा की उनकी मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया. उन्होंने उत्पादकों और उपभोक्ताओं दोनों के हितों को संतुलित करने की आवश्यकता पर बल दिया. गोयल ने यह भी कहा कि वह हस्तशिल्प पर माल और सेवा कर (जीएसटी) को कम करने के लिए हितधारकों के सुझाव पर विचार करेंगे.
जीएसटी 5 प्रतिशत करने की मांग
उद्योग ने जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने की मांग की है. मंत्री ने श्रीनगर में एफटीआईआई ट्रेडर्स कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए व्यापारियों को आश्वासन दिया और कहा कि मैंने केंद्रीय वित्त मंत्रालय के साथ भी विवरण साझा करने को कहा है. मैं बात करूंगा और देखूंगा कि उत्पादों को 5 प्रतिशत जीएसटी ब्रैकेट में कैसे लाया जाए. हम इसका समाधान खोजने की कोशिश करेंगे. कश्मीरी सेब के बारे में उन्होंने कहा कि व्यापारियों ने इस फल पर अधिक सुरक्षा के लिए अनुरोध किया है, जिस पर वर्तमान में 50 प्रतिशत आयात शुल्क लगता है.
उपभोक्ताओं और किसानों के बीच संतुलन की जरूरत
उन्होंने कहा कि परिवहन, विपणन, ब्रांडिंग और खुदरा बिक्री सहित सभी शुल्कों और लागतों को जोड़ने के बाद उपभोक्ता 125-150 रुपये प्रति किलोग्राम का भुगतान करते हैं. उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं और किसानों के हितों के बीच संतुलन बनाने की भी जरूरत है. उन्होंने कहा कि मैं केंद्रीय कृषि मंत्रालय से इस मुद्दे पर बात करूंगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि भारत भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के लिए निकट बाजार पहुंच प्रदान करने के लिए नए मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर हस्ताक्षर कर रहा है. उन्होंने कहा कि भारत इन समझौतों पर भारतीय उद्योग और उपभोक्ताओं के हितों की हमेशा रक्षा करेगा. मंत्री ने कहा कि यह हमारी प्राथमिकता है. हम इन समझौतों में हमेशा जम्मू-कश्मीर और देश के हितों की रक्षा करेंगे. यह टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अमेरिका भारत के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौते में सेब पर शुल्क रियायत चाहता है.
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