Congres Attack On BJP : कांग्रेस ने विश्व बैंक की रिपोर्ट का हवाला देते हुए BJP पर हमला बोला है. मुख्य विपक्षी पार्टी ने कहा कि इसमें दी गई चिताएं प्रासंगिक है और केंद्र को इस पर ध्यान देना चाहिए.
Congres Attack On BJP : विश्व बैक की हालिया रिपोर्ट में चिंता व्यक्त की है, जिसमें कहा गया है कि भारत में गरीबी और असमानता उच्च स्तर पर है. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस ने केंद्र से GST में सुधार लाने और कॉर्पोरेट पक्षपात को समाप्त करने समेत कई अहम कदम उठाने का अनुरोध किया है. वहीं, विश्व बैंक की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने कहा कि इसके जारी होने के तीन महीने बाद नरेन्द्र मोदी सरकार के ढोल बजाने और जय-जयकार करने वालों ने विश्व बैंक के आंकड़ों को घुमा-फिराकर बता दिया कि भारत दुनिया के सबसे समान समाजों में से एक है.
दो साल पहले के मुकाबले बढ़ी 13 गुना ज्यादा असमानता
जयराम रमेश ने कहा कि विश्व बैंक की रिपोर्ट में कई सारी समस्याओं को उजागर किया था. कांग्रेस नेता ने कहा कि ये चिंताएं अभी भी प्रासंगिक हैं और रिपोर्ट से संबंधित गंभीर मुद्दों पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए. इसके अलावा कांग्रेस नेता ने कहा कि इस रिपोर्ट में दी गई चिंताओं पर केंद्र को गंभीरता से सोचना चाहिए. उन्होंने इस रिपोर्ट के हवाले से कहा कि भारत में वेतन असमानता बहुत अधिक है. साल 2023-24 में शीर्ष 10 फीसदी की औसत आय वाले निम्न वर्ग लोगों की तुलना में 13 गुना की वृद्धि हुई है. इसके अलावा सैंपलिंग और डेटा की सीमा से पता चलता है कि उपभोग असमानता को कम करके आंका जा सकता है. साथ ही अगर इस सैंपलिंग को ज्यादा से ज्यादा लिया जाता तो गरीबी इससे ज्यादा नजर आ जाती.
सरकार को मनरेगा योजना मजबूत करनी चाहिए
रमेश ने बताया कि एक निम्न मध्यम आय वाले देश के रूप में भारत में गरीबी को मापने के लिए उपयुक्त दर 3.65 अमेरिकी डॉलर प्रति दिन है. इसके अलावा जिस देश में गरीबी दर 28.1 फीसदी है, वह दुनिया के सबसे समान समाजों में से एक होने का उचित दावा नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा कि अप्रैल में उनकी पार्टी द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि हमने रिपोर्ट से भारतीय नीति निर्माताओं के लिए कई निष्कर्ष भी बताए थे. इसी बीच रमेश ने सुझाव दिया कि विभिन्न प्रकार की गरीबी रेखाओं के बीच महत्वपूर्ण अंतर दर्शाता है कि आबादी का बड़ा हिस्सा अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा से केवल मामूली रूप से ही ऊपर है. उन्होंने यह भी कहा कि मरेगा और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 जैसी सामाजिक कल्याण योजना को पीछे नहीं छोड़ा जा सकता है, बल्कि केंद्र इसकी मजबूती पर ध्यान देने का काम करें.
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