Jharkhand Tourism: झारखंड सरकार ने पर्यटन पर फोकस किया है. प्रमुख स्थलों के विकास के लिए नया प्राधिकरण बनाया जाएगा.
Jharkhand Tourism: झारखंड सरकार ने पर्यटन पर फोकस किया है. प्रमुख स्थलों के विकास के लिए नया प्राधिकरण बनाया जाएगा. झारखंड विधानसभा ने सूबे में पर्यटन को बढ़ावा देने और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए बुधवार को झारखंड पर्यटन विकास एवं पंजीकरण (संशोधन) विधेयक 2025 ध्वनि मत से पारित कर दिया. इस विधेयक को राज्य मंत्री सुदिव्या कुमार ने पेश किया था. विधेयक के तहत झारखंड पर्यटन क्षेत्र प्राधिकरण (जेटीएए) की स्थापना की जाएगी. यह प्राधिकरण उन प्रमुख पर्यटन स्थलों पर नागरिक सुविधाओं का विकास और प्रबंधन करेगा, जो किसी शहरी स्थानीय निकाय के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते. सरकार का मानना है कि इससे बुनियादी ढांचे में सुधार होगा और राज्य के पर्यटन उद्योग को गति मिलेगी. राज्य मंत्री कुमार ने बताया कि संबंधित जिलों के उपायुक्त (डीसी) प्राधिकरण के अध्यक्ष होंगे. वह पर्यटन स्थलों पर स्वच्छता, सुरक्षा, पार्किंग व्यवस्था और अतिक्रमण की रोकथाम सुनिश्चित करेंगे.
जिला आयुक्त होंगे प्राधिकरण के अध्यक्ष
उन्होंने यह भी कहा कि प्राधिकरण को पर्यटन स्थलों में प्रवेश करने वाले वाहनों सहित विभिन्न स्रोतों से शुल्क और कर वसूलने का अधिकार होगा. राज्य के पर्यटन मंत्री ने कहा कि एकत्रित राजस्व का उपयोग सुविधाओं के बेहतर प्रबंधन और विकास के लिए किया जाएगा. भाजपा के दो विधायकों राज सिन्हा और नवीन जायसवाल ने विधेयक को चयन समिति को भेजने का प्रस्ताव रखा. सिन्हा ने कहा कि प्रस्तावित प्राधिकरण के संगठनात्मक ढांचे में स्थानीय विधायक को शामिल नहीं किया गया है. प्राधिकरण में जन प्रतिनिधियों को शामिल करने का प्रावधान होना चाहिए. भाजपा विधायकों को जवाब देते हुए कुमार ने कहा कि संबंधित जिले के जिला आयुक्त प्राधिकरण के अध्यक्ष होंगे. विभाग उन महत्वपूर्ण व्यक्तियों को मनोनीत करेगा जिनकी राय प्राधिकरण के प्रभावी कामकाज के लिए महत्वपूर्ण है. सरकार प्राधिकरण के सुचारु और कुशल संचालन को सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी. इसके बाद अध्यक्ष ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया. एक पर्यटन अधिकारी के अनुसार, प्राधिकरण को शुरू में विभाग द्वारा चिह्नित ग्रेड-ए पर्यटन स्थलों जैसे पतरातू, नेतरहाट, राजरप्पा और मधुबन में स्थापित किया जाएगा.
झारखंड भवन में ठहरने वालों की होगी जांच
विधानसभा ने चार निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना से संबंधित विधेयकों को भी रद्द कर दिया. उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री कुमार ने झारखंड निजी विश्वविद्यालय विधेयक 2024 की अधिसूचना जारी होने के बाद सदन में विधेयकों को वापस लेने का प्रस्ताव रखा. सत्र के पहले भाग में विधायकों ने दिल्ली स्थित झारखंड भवन, ‘अबूआ आवास’ योजना और जल आपूर्ति से संबंधित विभिन्न मुद्दे उठाए. विपक्ष के नेता और झारखंड भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने परिपत्र को लेकर सरकार की आलोचना की, जिसमें झारखंड भवन और दिल्ली स्थित ऊर्जा भवन में केवल विधायक के परिवार के सदस्यों के ठहरने की अनुमति दी गई है. मरांडी ने कहा कि यह नियम अधिकारियों पर लागू हो सकता है. लेकिन हम जनता के प्रतिनिधि हैं और अपने मतदाताओं के प्रति जवाबदेह हैं. कई बार हमें अन्य लोगों के लिए भी ठहरने की व्यवस्था करनी पड़ती है. इसलिए मैं सरकार से इस आदेश को रद्द करने का आग्रह करता हूं. उन्होंने पिछले पांच वर्षों के रजिस्टर भी मांगे ताकि पता चल सके कि वहां कौन-कौन ठहरा था. इसके जवाब में मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि सरकार इस मामले की जांच करेगी.
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