Winter Session of Parliament: शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार को लोकसभा में तीखी बहस हुई. इस दौरान चुनाव सुधारों पर चर्चा करते हुए अमित शाह ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला.
Winter Session of Parliament: शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार को लोकसभा में तीखी बहस हुई. इस दौरान चुनाव सुधारों पर चर्चा करते हुए अमित शाह ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. सदन में गृह मंत्री अमित शाह ने चर्चा में भाग लेकर विपक्ष को करारा जवाब दिया. जब अमित शाह लोकसभा में बोल रहे थे तो कांग्रेस ने हंगामा करते हुए सदन का वॉकआउट कर दिया. अमित शाह ने कहा कि SIR पर चर्चा नहीं हो सकती है, क्योंकि चुनाव आयोग सरकार के अधीन काम नहीं करता, वह एक स्वतंत्र संस्था है. कांग्रेस SIR को लेकर झूठ फैला रही है. कहा कि पूरे देश में कांग्रेस ने जो झूठ फैलाया गया है, उसे मैं बेनकाब करुंगा. अमित शाह ने विपक्ष को कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए यह भी कहा कि देश का प्रधानमंत्री और राज्य का मुख्यमंत्री घुसपैठिए तय नहीं करेंगे. अमित शाह ने साफ कहा कि मतदान का अधिकार केवल भारत के नागरिकों का है. शाह ने विपक्ष पर बेबुनियाद आरोप फैलाने का आरोप लगाया और जोर देकर कहा कि नरेंद्र मोदी को देश की जनता ने प्रधानमंत्री बनाया है, विपक्ष की कृपा से नहीं.
कांग्रेस पर झूठ फैलाने का आरोप
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दो दिन संसद की कार्यवाही नहीं चल सकी. लोगों के बीच इस तरह का संदेश देने की कोशिश की गई कि हम चर्चा नहीं करना चाह रहे हैं. हम भाजपा और एनडीए के लोग चर्चा से कभी नहीं भागे. विपक्ष एसआईआर की डिटेल में समीक्षा की मांग कर रहा है, जो संभव नहीं है क्योंकि यह चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में आता है. हम चुनाव नहीं करवाते हैं. कहा कि पांच साल रिसर्च के बाद वीवीपैट को लाया गया. चुनाव आयोग ने निर्णय लिया कि पांच प्रतिशत ईवीएम और वीवीपैट के परिणामों की तुलना होगी. मैं आंकड़े लेकर आया हूं चुनाव आयोग से. कहा कि आज तक 16 हजार VVPAT और EVM का मिलान हुआ है. किसी में एक भी वोट की गड़बड़ी नहीं हुई है. इनके बीएलए चुनाव मतगणना में होते हैं और नतीजों पर हस्ताक्षर करते हैं. अमित शाह ने कहा कि चर्चा तय हुई चुनाव सुधार पर, लेकिन विपक्ष के सदस्यों ने एसआईआर पर ही बोला. जवाब तो मुझे देना पड़ेगा. मैंने पहले के भी सभी एसआईआर का गहन अध्ययन किया है और कांग्रेस की ओर से फैलाए गए झूठ का अपने तर्कों के हिसाब से जवाब देना चाहता हूं. चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है.
चुनाव आयोग की छवि धूमिल कर रही कांग्रेस
शाह ने कहा कि विपक्ष एसआईआर का मुद्दा छेड़कर बहस को भटकाना चाहता था, जबकि सरकार व्यापक चुनावी सुधारों पर सार्थक चर्चा चाहती थी. गृह मंत्री ने कहा कि चुनाव के लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार है, यह व्यवस्था जब बनी, तब हम थे ही नहीं. अनुच्छेद 324 में चुनाव आयुक्त को विशेष अधिकार दिए गए. कहा कि अनुच्छेद 326 में वोटरों की पात्रता तय की गई है. मनीष तिवारी कह रहे थे कि एसआईआर का अधिकार चुनाव आयोग को है ही नहीं, तो उनको बताना चाहता हूं कि यह अधिकार चुनाव आयोग को अनुच्छेद 327 में है. अमित शाह ने कहा कि 2000 के बाद तीन बार SIR हुआ. दो बार भाजपा-एनडीए की सरकार थी, जबकि एक बार मनमोहन सिंह की सरकार थी. तब किसी ने विरोध नहीं किया. यह चुनाव को पवित्र रखने की प्रक्रिया है. चुनाव जिस आधार पर होते हैं, वह वोटर लिस्ट ही अशुद्ध है, तो चुनाव कैसे पवित्र हो सकते हैं. अमित शाह ने कहा कि घुसपैठिए यह तय नहीं कर सकते कि सीएम-पीएम कौन हो. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से एसआईआर हुआ. शाह ने कहा कि आप पूरे चुनाव आयोग की छवि को पूरी दुनिया में धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं.
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