Home Latest महाराष्ट्र पुलिस का उत्तराखंड में छापा, अवैध ड्रग्स फैक्ट्री का भंडाफोड़, यूपी के खीरी जिले से तीन गिरफ्तार

महाराष्ट्र पुलिस का उत्तराखंड में छापा, अवैध ड्रग्स फैक्ट्री का भंडाफोड़, यूपी के खीरी जिले से तीन गिरफ्तार

by Sanjay Kumar Srivastava
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पुलिस ने 18,54,507 रुपये की मशीनरी, रसायन और अन्य कच्चे माल जब्त किए. अवैध फैक्ट्री चलाने वाले तीन लोग छापे से पहले फरार हो गए.

Thane: महाराष्ट्र की ठाणे पुलिस ने उत्तराखंड में एक ड्रग्स बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने नेपाल सीमा के पास से इसके संचालन में शामिल तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस उपायुक्त (अपराध) अमरसिंह जाधव ने संवाददाताओं को बताया कि उत्तरी राज्य में यह सफलता ठाणे में पहले ड्रग्स की जब्ती की जांच के बाद मिली है. उन्होंने बताया कि ठाणे शहर की पुलिस ने 1 जून को 35,000 रुपये मूल्य के 10.93 ग्राम मेफेड्रोन बरामद करने के बाद विशाल सिंह और मल्लेश शेवला नामक दो लोगों को गिरफ्तार किया था. दोनों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने उत्तराखंड से प्रतिबंधित पदार्थ खरीदा था. इसके बाद एक टीम उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के मेल्टोडा गई.

उत्तराखंड और मुंबई के थे आरोपी

जाधव ने कहा कि वहां, हमने एक दवा निर्माण इकाई की खोज की और 18,54,507 रुपये की मशीनरी, रसायन और अन्य कच्चे माल जब्त किए. हालांकि, अवैध फैक्ट्री चलाने वाले तीन लोग छापे से पहले फरार हो गए. उन्होंने कहा कि आगे की खुफिया सूचनाओं के आधार पर एक दूसरी टीम चंपावत जिले के तकलपुर भेजी गई थी. जाधव ने कहा कि हमारी टीम ने उन्हें उत्तर प्रदेश के खीरी जिले में नेपाल सीमा के पास रोका और 28 जून को गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने कहा कि तीनों लोगों की पहचान उत्तराखंड के ओम जयगोविंद गुप्ता उर्फ ​​मोनू और अमरकुमार लक्ष्मणराम कोहली और मुंबई के बाहरी इलाके नालासोपारा के निवासी भीम यादव के रूप में हुई है.

आपत्तिजनक टिप्पणी पर चार पर केस दर्ज

मुंबई पुलिस ने इस्लाम के खलीफाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करके मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. उन्होंने बताया कि पूर्वी उपनगर गोवंडी में स्थित रजा जामा मस्जिद के अध्यक्ष ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हुए एक वीडियो के आधार पर सोमवार को डोंगरी पुलिस स्टेशन में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई. शिकायतकर्ता के अनुसार, मस्जिद समिति के एक सदस्य ने 18 जून को उन्हें वायरल वीडियो के बारे में बताया, जिसमें चार लोग इस्लाम के तीन खलीफाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए दिखाई दे रहे थे. एक अधिकारी ने कहा, “शिकायतकर्ता ने फिर खुद वीडियो देखा और पाया कि मुस्लिम समुदाय के अनुयायियों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए आरोपियों ने जानबूझकर ऐसा किया है. उन्होंने बताया कि जांच के बाद पता चला कि आरोपियों में से एक सोहेल मिर्जा उसी इलाके में रहता है, जहां शिकायतकर्ता रहता है.

ये भी पढ़ेंः साइबर धोखाधड़ी रैकेट का भंडाफोड़, जामताड़ा से तीन गिरफ्तार, अड्डे तक भेष बदलकर पहुंची दिल्ली पुलिस

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