Maharashtra Politics : महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार भूचाल आने वाला है. एक तरफ जहां पर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच सुलह की खबरें सामने आ रही थी और इसी बीच सीएम फडणवीस ने राज ठाकरे से मुलाकात की है.
Maharashtra Politics : महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है. राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (CM Devendra Fadnavi) ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) से गुरुवार को एक होटल में मुलाकात की है. इस मुलाकात ने सियासी बाजार को गर्म कर दिया है और यह बैठक उस वक्त हुई है जब BJPके प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) से राज ठाकरे के बीच सुलह की खबर सामने आ रही थी. अब सवाल खड़ा हो गया है कि क्या यह मुलाकात महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा बवाल बन जाएगा. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि BJP-MNS के बीच किसी मुद्दे पर सहमति बन जाती है तो यह उद्धव ठाकरे के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है.
विकास मुद्दे पर हुई दोनों नेता के बीच चर्चा
BJP के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस और राज ठाकरे के बीच बांद्रा इलाके में एक पांच सितारे होटल में गुरुवार की सुबह मुलाकात हुई है. लेकिन इस मामले में अभी कोई ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है. वहीं, BJP के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने कहा कि दोनों नेता अच्छे मित्र हैं और यह भी हो सकता है कि दोनों नेताओं ने राज्य में विकास के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए मुलाकात की हो. आपको बताते चलें कि महाराष्ट्र सरकार ने इस सप्ताह मुंबई समेत 29 नगर निगमों के लिए वार्ड परिसीमन के आदेश जारी करके स्थानीय निकाय चुनाव की प्रक्रिया की शुरू कर दी है. वहीं, चुनाव से पहले ठाकरे बंधुओं के बीच सुलह की खबरें सामने आ रही थीं और इसी को देखते हुए BJP ने भी अपनी चाल चलनी शुरू कर दी है.
दोनों नेता निजी मुद्दों को साइड रखने के लिए तैयार
बता दें कि शिवसेना टूटने के बाद से ही उद्धव ठाकरे राजनीति में थोड़े अलग-थलग पड़ गए थे. इसी बीच उद्धव ने राज ठाकरे से बातचीत को लेकर कहा था कि जब राज्य में लोकतंत्र नहीं बचा हो तो वह अपने निजी मुद्दों को साइड में रखकर चर्चा करने के लिए तैयार हैं. इसी बीच राज ठाकरे की तरफ से भी अप्रत्यक्ष रूप से अच्छे संकेत आए थे कि वह भी गठबंधन में शामिल होने पर विचार करने के लिए तैयार हैं. ठाकरे बंधुओं की तरफ से यह बयान करीब दो दशक की तनातनी के बाद आने शुरू हुए थे और बीच में तो यह लगने लगा था कि एक परिवार के दो नेता जल्द ही राजनीतिक मंच पर हाथ मिला लेंगे.
राज ठाकरे ने कहा कि मराठी मानुस के हित में एकजुट होना मुश्किल नहीं है, साथ ही उद्धव ने भी ये कहा है कि वह मामूली झगड़े को अलग रखने के लिए तैयार हैं. बस शर्त इस बात की है कि महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ काम करने वालों को शामिल नहीं किया जाए. इससे पहले लोकसभा चुनाव 2024 में राज ठाकरे ने BJP को समर्थन दिया था.
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