रोशनी तीन दिन पहले ही अपने घर से ड्यूटी के लिए निकली थी. हमेशा की तरह इस बार अहमदाबाद से लंदन के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में सेवा देने के लिए उत्साहित थीं.
Thane: अहमदाबाद विमान हादसे में फ्लाइट अटेंडेंट रोशनी सोंघरे की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. फ्लाइट अटेंडेंट रोशनी सोंघरे अपने जीवन में एक नया अध्याय जोड़ने वाली थीं, क्योंकि अगले साल उनकी शादी एक मर्चेंट नेवी अधिकारी से होने वाली थी. इससे उत्साहित परिवार के सदस्यों ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी थीं. लेकिन गुरुवार दोपहर अहमदाबाद में लंदन जाने वाले एयर इंडिया के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर आने के बाद सारा उत्साह दुखों में बदल गया. 26 वर्षीय रोशनी उस विमान में सवार चालक दल की सदस्यों में से एक थीं.
तीन दिन पहले ही घर से ड्यूटी के लिए निकली थी रोशनी
इस घटना ने महाराष्ट्र के ठाणे जिले के डोंबिवली शहर के राजाजी पथ पर रहने वाले सोंघरे परिवार को स्तब्ध कर दिया. रोशनी तीन दिन पहले ही अपने घर से ड्यूटी के लिए निकली थी. हमेशा की तरह इस बार अहमदाबाद से लंदन के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में सेवा देने के लिए उत्साहित थीं. लेकिन विमान दुर्घटना ने उसके सपनों को तोड़ दिया और उसके परिवार के सदस्यों 50 वर्षीय पिता राजेंद्र, मां शोभा और छोटे भाई विग्नेश को पूरी तरह से तोड़ दिया. एक करीबी रिश्तेदार ने कांपती आवाज में बताया कि वह इस घर की धड़कन थी. हम नवंबर में उसकी सगाई और मार्च में शादी करने वाले थे.
आसमान से प्रेरित होकर फ्लाइट अटेंडेंट का सपना किया पूरा
उन्होंने कहा कि समय ने उसके साथ क्रूरता की. तटीय रत्नागिरी जिले के मंदनगढ़ के मूल निवासी सोंघरे परिवार काम के लिए मुंबई चले गए थे और दो साल पहले डोंबिवली में रहने चले गए. रोशनी एक होनहार और दृढ़ निश्चयी लड़की थी, जो परिवार का गौरव थी. उसके पिता ने अपने दोनों बच्चों को शिक्षित करने के लिए अथक परिश्रम किया. रोशनी ने आसमान से प्रेरित होकर फ्लाइट अटेंडेंट का कोर्स किया और उसे पूरा किया. उसने स्पाइसजेट के साथ अपना करियर शुरू किया और बाद में एयर इंडिया में शामिल हो गई, जहां उसने हर हवाई मील का आनंद लेते हुए अंतर्राष्ट्रीय असाइनमेंट का विकल्प चुना.
बहुत खुश थी उड़ान भरने के लिए
परिवार के सदस्यों ने कहा कि वह फिर से उड़ान भरने के लिए बहुत खुश थी. हम सभी उसकी शादी का इंतजार कर रहे थे. चाचा प्रवीण सुखदेरे ने कहा कि विमान दुर्घटना की खबर मिलने के बाद परिवार के सदस्यों ने तुरंत उससे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन जब कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो घबराहट फैल गई. उसके पिता और भाई आशा की किरण को थामे हुए तुरंत अहमदाबाद पहुंचे. रोशनी के मंगेतर गुहागर तालुका के मर्चेंट नेवी में उच्च शिक्षित अधिकारी हैं, जो वर्तमान में ठाणे में रहते हैं.
इंस्टाग्राम पर थे 54,000 से अधिक फॉलोअर्स
एक पड़ोसी ने आंसू भरे स्वर में कहा कि आखिरकार उसे वह सब कुछ मिल गया जिसके लिए उसने इतनी मेहनत की थी. फ्लाइट अटेंडेंट होने के अलावा रोशनी इंस्टाग्राम पर 54,000 से अधिक फॉलोअर्स के साथ एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर भी थीं.उनका अकाउंट, जो कभी उनकी यात्रा के जश्न का प्रतिबिंब था, अब शोक संदेशों से भरा हुआ है. जिसमें से एक में लिखा है, “तुम ऊंची उड़ान भरती हो, रोशनी. तुम बस थोड़ी दूर उड़ गई.” आंखों में सितारे लिए एक छोटी लड़की से लेकर उम्मीद के पंख वाली एक अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट अटेंडेंट तक रोशनी की यात्रा ने कई लोगों को प्रेरित किया.
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