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छोटी उम्र में बड़ा हौसला, राष्ट्रपति मुर्मू ने 20 बच्चों को PM राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया

by Neha Singh
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PM Rashtriya Bal Puraskar: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज वीर बाल दिवस के मौके पर देश के 20 बहादुर बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया है.

26 December, 2025

PM Rashtriya Bal Puraskar: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में वीरता, समाज सेवा, पर्यावरण, खेल, कला और संस्कृति और विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियों के लिए 20 बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्रदान किया. उन्होंने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार पाने वालों को बधाई दी और कहा कि पुरस्कार विजेता बच्चों ने अपने परिवारों, समुदायों और पूरे देश को गौरवान्वित किया है.

छोटे साहिबजादों की शहादत को याद किया

वीर बाल दिवस के महत्व के बारे में बात करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि लगभग 320 साल पहले, दसवें सिख गुरु, जिन्हें सभी भारतीय पूजते हैं, गुरु गोबिंद सिंह जी और उनके चार बेटों ने सच्चाई और न्याय के समर्थन में लड़ते हुए “सर्वोच्च बलिदान” दिया. उन्होंने कहा कि दो सबसे छोटे साहिबजादों – बाबा ज़ोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह- की बहादुरी को भारत और विदेश दोनों जगह सम्मानित और याद किया जाता है. राष्ट्रपति ने कहा कि जब किसी देश के बच्चे देशभक्ति और उच्च आदर्शों से भरे होते हैं तो उस देश की महानता निश्चित होती है, और उन्होंने कहा कि उन्हें यह देखकर खुशी हुई कि बच्चों ने वीरता, कला और संस्कृति, पर्यावरण, नवाचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, समाज सेवा और खेल जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अपनी असाधारण प्रतिभा का प्रदर्शन किया है.

व्योमा और कमलेश ने बचाई दुसरों की जान

राष्ट्रपति ने बाल वीरों की बारे में बताते हुए कहा, “सात साल की वाका लक्ष्मी प्रग्निका जैसे प्रतिभाशाली बच्चों की वजह से ही भारत को विश्व मंच पर शतरंज की महाशक्ति माना जाता है. अजय राज और मोहम्मद सिदान पी, जिन्होंने अपनी बहादुरी और बुद्धिमत्ता से दूसरों की जान बचाई, वे सभी प्रशंसा के हकदार हैं.” उन्होंने कहा, “नौ साल की बेटी व्योमा प्रिया और 11 साल के बहादुर बेटे कमलेश कुमार ने अपनी हिम्मत से दूसरों की जान बचाते हुए अपनी जान गंवा दी. दस साल के श्रवण सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान युद्ध से जुड़े जोखिमों के बीच, अपने घर के पास सीमा पर तैनात भारतीय सैनिकों को नियमित रूप से पानी, दूध और लस्सी पहुंचाई. जबकि, दिव्यांग बेटी शिवानी होसुरू उप्पारा ने आर्थिक और शारीरिक सीमाओं को पार करते हुए खेल की दुनिया में असाधारण उपलब्धियां हासिल की हैं” उन्होंने पुरस्कार जीतने वाले कुछ बच्चों का ज़िक्र करते हुए कहा, “वैभव सूर्यवंशी ने क्रिकेट की कॉम्पिटिटिव और टैलेंट से भरी दुनिया में अपना नाम बनाया है और कई रिकॉर्ड बनाए हैं.”

देशभर से चुने गए बाल वीर

राष्ट्रपति ने भरोसा जताया कि उनके जैसे बहादुर और टैलेंटेड बच्चे अच्छा काम करते रहेंगे और भारत का भविष्य उज्ज्वल बनाएंगे. महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने अपने भाषण में कहा कि जिन बच्चों को पुरस्कार मिला है, उन्होंने साबित कर दिया है कि आत्मविश्वास और लगन से संसाधनों की कमी को दूर किया जा सकता है. उन्होंने कहा, ” इस साल 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 20 टैलेंटेड बच्चों को सम्मानित किया जा रहा है. ये युवा हीरो देश के अलग-अलग हिस्सों से आए हैं.”

यह भी पढ़ें- वीर बाल दिवस बहादुर साहिबजादों के बलिदान को याद करने और श्रद्धांजलि देने का दिन है: PM मोदी

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