Senthil Balaji Case : तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को शीर्ष अदालत ने जमानत में थोड़ी राहत दी है. अब उन्हें ईडी दफ्तर में हफ्ते में दो बार पेश नहीं होना पड़ेगा.
Senthil Balaji Case : सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी. सेंथिल बालाजी (V. Senthil Balaji) को कड़ी जमानत में ढील देने के मामले में बड़ी बात कही. कोर्ट ने सोमवार को कहा कि कथित कैश-फॉर-जॉब स्कैम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जब तक जरूरत न हो तब तक ED अधिकारी हफ्ते में दो बार ऑफिस न बुलाए. इसके अलावा शीर्ष अदालत ने दूसरी शर्त में भी ढील दी जिसमें सुनवाई की हर तारीख पर ट्रायल कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया था. साथ ही अगर ऐसी कोई अर्जी दी जाती है तो पीठासीन अधिकारी योग्यता के आधार पर उनकी छूट की अर्जी पर विचार कर सकते हैं. वहीं, मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्य बागची की बेंच ने पूछा कि इस आदमी को हर सोमवार और शुक्रवार को चेन्नई में ED ऑफिस में पेश होने की जरूरत क्यों है?
क्यों है पेश होने की जरूरत
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने अपने अधिकारी को बचाने की कोशिश करें, क्योंकि इस आदमी का ऑफिस में इंतजार तो नहीं करना पड़ेगा. हालांकि, ED की तरफ से पेश हुए वकील जोहेब हुसैन ने कहा कि बेंच जमानत आदेश में शर्तें लगाते समय उनके व्यवहार और गवाहों को प्रभावित करने की संभावना के बारे में जानना चाहिए. वहीं, पूर्व मंत्री की तरफ से पेश हुए कपिल सिब्बल और वकील राम शंकर ने कहा कि जब भी जांच एजेंसी उन्हें पेश होने के लिए कहेगी, वह ऐसा करेंगे और यह शर्त अब किसी काम की नहीं रहेगी. दूसरी तरफ शिकायतकर्ता की तरफ से पेश वकील ने कहा कि इन शर्तों को लागू किया जाना चाहिए, क्योंकि पूर्व मंत्री काफी प्रभावशाली व्यक्ति हैं. इस पर बेंच ने कहा कि बालाजी जरूरत पड़ने पर डिप्टी डायरेक्टर के सामने पेश होंगे. साथ ही अगर ईडी को उनकी मौजूदगी चाहिए तो उन्हें पहले नोटिस भेजना होगा.
अदालतों के साथ करेंगे सहयोग
कपिल सिब्बल ने कहा था कि दूसरी शर्त, जिसमें बदलाव की मांग की गई है, वह यह है कि बालाजी तय अपराधों से निपटने वाली अदालतों के साथ-साथ स्पेशल कोर्ट के सामने नियमित रूप से मौजूद रहेंगे और मामलों के जल्द निपटारे के लिए अदालतों के साथ सहयोग करेंगे. उन्होंने तर्क दिया कि ED केस में जांच पूरी हो गई है और चार्जशीट दाखिल कर दी गई है और पिछले साल 26 सितंबर को जमानत मिलने के बाद से बालाजी 116 बार फेडरल जांच एजेंसी के सामने पेश हुए हैं.
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