NTA’s Performance : संसदीय पैनल ने NTA परफॉर्मेंस को लेकर सवाल खड़े किए हैं और कहा गया है कि बीते एक साल में 14 एग्जाम हुए हैं जिनमें से 5 में समस्याएं देखी गई है. इसके अलावा पेन-पेपर से एग्जाम करने की भी सलाह दी है.
NTA’s Performance : कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की अगुवाई वाली संसद की शिक्षा संबंधी स्थायी समिति ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) का प्रदर्शन पर सवाल खड़े किए हैं. खासकर पेपर लीक को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं. संसदीय पैनल ने सरकार से सिफारिश की है कि एंट्रेंस एग्जाम पेन एंड पेपर मोड में कराए जाने चाहिए, क्योंकि CBSE बोर्ड और UPSC एग्जाम ज्यादा इन व्यवस्था पर चल रही है. साथ ही ये एग्जाम लीक भी बहुत कम होते हैं और यही वजह है कि पेन एंड पेपर वाले एग्जाम ज्यादा सुरक्षित होते हैं. इसके अलावा पैनल यह भी कहा कि पिछले साल NTA का परफॉर्मेंस ज्यादा भरोसेमंद नहीं रहा है. कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता वाले पैनल ने कहा कि अकेले 2024 में एनटीए द्वारा आयोजित किए गए 14 एग्जामों में से पांच में गंभीर समस्या देखी गई हैं.
गड़बड़ी के कारण 3 एग्जाम को टाला गया
वहीं, तीन एग्जाम UGC-NET, CSIR-NET और NEET-PG को टालना पड़ा. इसके अलावा NEET-UG में पेपर लीक की खबर सामने आई और एक एग्जाम CUET (UG/PG) के परिणामों को टाल दिया गया. संसदीय पैनल ने बताया कि जनवरी 2025 में हुए JEE Main 2025 फाइनल आंसर-की में गलतियों के कारण कम से कम 12 सवाल हटाने पड़े. शिक्षा, महिला, बच्चे, युवा और खेल पर स्टैंडिंग कमेटी ने पाया कि ऐसी घटनाएं सिस्टम में परीक्षार्थियों का भरोसा नहीं जगाती हैं. कमेटी ने कहा कि इसलिए सिफारिश की जाती है कि NTA को जल्दी से अपनी व्यवस्था ठीक करनी चाहिए ताकि ऐसी समस्याओं को पूरी तरह से टाला जा सके.
प्राइवेट सेंटरों में न हो एग्जाम
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि परीक्षा प्रक्रिया को सुरक्षित करने में कई फायदे और नुकसान हैं. लेकिन पेन और पेपर वाली परीक्षाओं में पेपर लीक होने के ज्यादा मौके होते हैं, जबकि कंप्यूटर-बेस्ड टेस्ट (CBT) को इस तरह से हैक किया जा सकता है जिसे पकड़ना मुश्किल होता है. दोनों में से कमेटी ने पेन एंड पेपर परीक्षाओं पर ज्यादा ध्यान देने का समर्थन किया, क्योंकि ऐसी परीक्षाओं के कई मॉडल हैं जो कई सालों से लीक प्रूफ रहे हैं, जिनमें CBSE परीक्षा और UPSC परीक्षा शामिल हैं. इसके अलावा कमेटी ने सिफारिश की है कि NTA इन मॉडलों को बारीकी से अध्ययन करें और उन्हें जल्द लागू करने में मदद करें. साथ ही कंप्यूटर-आधारित टेस्ट (CBT) से आयोजित होने वाले एग्जाम सिर्फ सरकारी या सरकार द्वारा कंट्रोल किए जाने वाले सेंटरों में ही हों और कभी भी प्राइवेट सेंटरों में न हों.
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