Sensex-Nifty
Indigo Shares Crash: शेयर बाजार में कई दिनों से हंगामा हो रहा है. कुछ दिनों से लगातार गिर रहा इंडिगो का शेयर प्राइज आज बुरी तरह धड़ाम हुआ.
08 December, 2025
Indigo Shares Crash: भारतीय शेयर बाजार ने सोमवार को ऐसा झटका दिया कि इन्वेस्टर्स एक बार फिर अलर्ट मोड में आ गए हैं. एक ओर इंडिगो की फ्लाइट्स लगातार केंसिल होने से यात्रियों की परेशानी बढ़ी, वहीं दूसरी तरफ बाजार में प्रोफिट बुकिंग और फॉरेन इन्वेस्टर्स की बिकवाली ने सेंसेक्स और निफ्टी का मूड बिगाड़ दिया. दिन भर बाजार में उतार-चढ़ाव चलता रहा. यानी माहौल ऐसा रहा कि मानो सभी सेक्टर हवा में डगमगा रहे हों.
इंडिगो के शेयर
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो इन दिनों भारी दबाव में है. सोमवार को InterGlobe Aviation का शेयर 7.56% तक गिरकर 4965.05 पर पहुंच गया. ये आठ महीने की सबसे बड़ी गिरावट रही. वजह? नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इंडिगो के CEO से फ्लाइट केंसिलेशन पर जवाब मांगा है. जहां शुक्रवार को 1,000 से ज्यादा फ्लाइट्स केंसिल हुईं, वहीं सोमवार को भी 400 से अधिक प्लेन नहीं उड़ सके. ऐसे में जेएम फाइनेंशियल (JM Financial) की रिपोर्ट के अनुसार, CEO को भेजे गए शो-कॉज नोटिस और एक्शन से कंपनी के शेयर पर और दबाव पड़ सकता है. इसके अलावा ये भी माना जा रहा है कि अगर ये स्थिति 15 दिन तक और चली, तो FY26 में कंपनी की कमाई पर 8-9% का सीधा असर पड़ सकता है.

क्यों बिगड़े?
इंडिगो का लीन और हाई-यूटिलाइजेशन मॉडल नए पायलट नियमों की वजह से लड़खड़ा गया. दरअसल, नई गाइडलाइंस में पायलटों के वीकली हॉलीडे नहीं बदले जा सकते, रात की लैंडिंग पर पाबंदियां बढ़ी और आराम के घंटे अनिवार्य रूप से बढ़े. अब इससे पायलटों की कमी और थकान की वजह से इंडिगो का ऑपरेशन ठप पड़ गया. हालांकि, अब सरकार ने फिलहाल नियमों को लागू करने पर रोक लगा दी है, ताकि एयरलाइन नॉर्मल हो सके.
बढ़ता दवाब
दूसरी तरफ रुपये की कमजोरी, क्रू पर बढ़ता खर्च और फ्लाइट्स केंसिल होने के साथ-साथ बढ़ती लागत की वजह से भी कंपनी पर दबाव बढ़ा है. इंडिगो का कहना है कि वो 1,650 से ज्यादा फ्लाइट्स ऑपरेट करने की तरफ बढ़ रहे हैं. ऑन-टाइम परफॉर्मेंस 75% तक लौट चुकी है और 10 दिसंबर तक स्थिति नॉर्मल होने की उम्मीद है.
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सेंसेक्स-निफ्टी का हाल
वैसे, इंडिगो ही नहीं, बल्कि पूरा शेयर बाजार सोमवार को दबाव में रहा. दो दिनों की तेजी के बाद निवेशकों ने प्रोफिट बुकिंग की और फॉरेन इन्वेस्टर्स की बिकवाली ने आग में घी डालने का काम किया. सेंसेक्स 609.68 अंक गिरकर 85,102.69 पर बंद हुआ. दिन में ये 836 अंकों तक टूटकर 84,875.59 तक पहुंच गया था. वहीं, निफ्टी 225.90 अंक गिरकर 25,960.55 पर बंद हुआ. मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि निवेशक इस हफ्ते होने वाली US Fed की पॉलिसी बैठक को लेकर सतर्क हैं. वहीं विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली, रुपये में कमजोरी और ग्लोबल बॉन्ड यील्ड बढ़ने से भी दबाव बना रहा.
लूजर और गेनर
गिरने वाले बड़े स्टॉक्स में BEL, Trent, Tata Steel, Bajaj Finance, SBI, PowerGrid, Titan, NTPC, L&T और Airtel जैसे शेयर्स हैं. वहीं, चमकने वाले चार स्टॉक्स में Tech Mahindra, HCL Tech, Reliance Industries और HDFC Bank शामिल हैं. कहा जा रहा है कि इंडेक्स का 26,000 के नीचे फिसलना इस बात का संकेत है कि इन्वेस्टर्स ग्लोबल माहौल को लेकर चिंतित हैं. अच्छे डोमेस्टिक फिगर्स और RBI के रेट कट के बावजूद बाज़ार का सेंटिमेंट दबा हुआ है.

मिला-जुला रुख
भारत के अलावा बाकी देशों के बाजार की बात करें तो, साउथ कोरिया का KOSPI 1.34% चढ़ा, शंघाई कंपोज़िट 0.54% बढ़ा, जापान का Nikkei 0.13% ऊपर, हांगकांग का हैंगसेंग 1.23% टूटा और यूरोपीय बाजार भी ऊपर-नीचे ही रहे. शुक्रवार को फॉरेन इन्वेस्टर्स ने 438.90 करोड़ की बिकवाली की. घरेलू इन्वेस्टर्स ने 4,189 करोड़ की जोरदार खरीदारी की.
ब्रेंट क्रूड का रुख
शुक्रवार को बाजार तेजी में बंद हुआ था, लेकिन सोमवार को माहौल बिल्कुल पलट गया. इंडिगो की उथल-पुथल, वैश्विक अनिश्चितता और फॉरेन फंड आउटफ्लो, इन सबने मिलकर बाजार को फिर से अलर्ट मोड में डाल दिया है. कहा जा सकता है कि फिलहाल इन्वेस्टर्स के लिए हवा थोड़ी तेज चल रही है. ऐसे में मार्केट की उड़ान कब नॉर्मल होगी, ये इसके लिए सबकी नजर US Fed के फैसले पर टिकी है.
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