पीलीभीत के बारी फुलहर गांव के किसान दयाराम (39) सुबह-सुबह अपने गन्ने की फसल का निरीक्षण करने के लिए घर से बाहर निकले. जैसे ही वह खेत में पहुंचे, घात लगाए बैठे एक बाघ ने उन पर हमला कर दिया.
Pilibhit (UP): उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में बाघ के आतंक से लोगों ने घरों से निकलना बंद कर दिया है. उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में सोमवार को बाघ ने एक किसान को मार डाला. बाघ ने किसान की छाती और गर्दन पर पंजा मारा और फिर उसे लगभग 20 मीटर दूर गन्ने के खेत में घसीट कर ले गया. अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र में दो महीनों में बाघ का छठा हमला है. पीलीभीत के बारी फुलहर गांव के किसान दयाराम (39) सुबह-सुबह अपने गन्ने की फसल का निरीक्षण करने के लिए घर से बाहर निकले. जैसे ही वह खेत में दाखिल हुए, घात लगाए बैठे एक बाघ ने उन पर हमला कर दिया.
बाघ को पकड़ने के लिए इलाके की घेराबंदी
बाघ ने उनकी गर्दन और छाती पर घातक चोटें पहुंचाईं और उनके शरीर को खेत में घसीट कर ले गया. उनकी चीखें सुनकर अन्य किसान मौके पर दौड़े लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. दयाराम पहले ही दम तोड़ चुके थे. भीड़ को देखकर बाघ पास की नहर पार करके दूसरे खेत में भाग गया. प्रभागीय वनाधिकारी भरत कुमार ने मौत की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि बाघ को पकड़ने के लिए एक टीम तैनात की गई है. इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और सुरक्षा बढ़ा दी गई है. दयाराम की मौत से ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने आरोप लगाया कि वन विभाग क्षेत्र में बढ़ते बाघ के हमलों को नियंत्रित करने में विफल रहा है. निवासियों ने शोक संतप्त परिवार के लिए मुआवजे और बाघ से बचाने की मांग की. गुस्साए ग्रामीणों ने वन और पुलिस कर्मियों को क्षेत्र में नियमित रूप से बाघ देखे जाने की बात बताई.
समूह में निकलें ग्रामीण
उन्होंने कहा कि वन विभाग में कई शिकायतें दर्ज की गईं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. 14 मई को, एक बाघ ने नजीरगंज गांव में अपने खेत की सिंचाई करते समय हंसराज नामक एक किसान को मार डाला. चार दिन बाद चतीपुर में गन्ना छीलते समय राम प्रसाद पर जानलेवा हमला हुआ. 25 मई को खिरकिया बरगदिया गांव में निराई के दौरान लौंगश्री नामक एक महिला की मौत हो गई. तीन जून को हजारा के शांतिनगर गांव में रेशमा को उसके घर से घसीटकर मार डाला गया. वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि हमलावर बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम सक्रिय हो गई है.अधिकारियों ने ग्रामीणों से अकेले घर से बाहर न निकलने की अपील की है. कहा है कि जब भी खेत की ओर निकलें, चार-छह लोग समूह में जाएं, जिससे बाघ के हमले का खतरा कम हो जाए.
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