सरकार का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवारों को आजीविका के अवसरों से जोड़ना, एक स्थिर आय और बेहतर जीवन स्तर सुनिश्चित करना है.
Lucknow: आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को अब योगी सरकार सशक्त बनाएगी. उनके रोजगार और कौशल के विकास की जिम्मेदारी सरकार की होगी. योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश में अपने ‘जीरो पॉवर्टी अभियान’ के तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को कौशल प्रशिक्षण और नौकरी उपलब्ध कराने के लिए एक पहल शुरू की है. रविवार को अफसरों ने बताया कि इस अभियान के तहत चिह्नित परिवारों के सदस्यों को गारंटीकृत कौशल प्रशिक्षण और प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी हासिल करने में सहायता मिलेगी. सरकार का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवारों को स्थिर आजीविका के अवसरों से जोड़ना, एक स्थिर आय और बेहतर जीवन स्तर सुनिश्चित करना है. इस पहल के साथ सरकार ने अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है कि राज्य में किसी भी परिवार को गरीबी के कारण भोजन जैसी बुनियादी ज़रूरतों के लिए संघर्ष न करना पड़े.
गरीबों को सशक्त बनाना सरकार का उद्देश्य
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि यह अभियान सरकार की प्रमुख पहलों में से एक है जिसका उद्देश्य गरीबों को सही मायने में सशक्त बनाना है. न केवल उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना, बल्कि सामाजिक सद्भाव और समान अवसरों को बढ़ावा देना भी है. उन्होंने कहा कि यह अभियान पूरे देश के लिए एक आदर्श बन सकता है, जहां सरकार और उद्योग मिलकर गरीबी से लड़ने के लिए काम करते हैं. सिंह ने बताया कि अभियान के तहत प्रत्येक चिह्नित गरीब परिवार के मुखिया को एक गारंटीकृत कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम में नामांकित किया जाएगा. पहले चरण में 300 परिवारों के मुखियाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके बाद राज्य भर के सभी चिह्नित परिवारों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. यह प्रशिक्षण राज्य के कौशल विकास विभाग द्वारा लगभग 1,000 प्रशिक्षण भागीदारों के सहयोग से प्रदान किया जाएगा. प्रशिक्षण उन क्षेत्रों में व्यावहारिक, नौकरी-उन्मुख कौशल पर केंद्रित होगा जहां रोजगार के अवसर अधिक हैं.
प्रशिक्षण पूरा हो जाने के बाद मिलेगी नौकरी
मुख्य सचिव ने आगे कहा कि प्रशिक्षण एक व्यापक 360-डिग्री दृष्टिकोण का पालन करेगा, जिसमें सात आवश्यक कौशल क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा – कार्यालय और शौचालय की सफाई, अतिथि संभाल, हाउसकीपिंग और आतिथ्य. उन्होंने कहा कि पेशेवर वातावरण में प्रतिभागियों के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए भाषा कौशल भी पाठ्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा. उन्होंने कहा कि एक बार प्रशिक्षण पूरा हो जाने के बाद उम्मीदवारों को होटल ताज, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), एल एंड टी लिमिटेड, मेदांता और अदानी समूह जैसी प्रमुख राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों में नौकरियों के लिए रखा जाएगा.
मिलेगा न्यूनतम 18,400 रुपए मासिक वेतन
यह पहली बार है जब कोई सरकार कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से गरीबों को सीधे निजी क्षेत्र की नौकरियों से जोड़ रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि प्रशिक्षित व्यक्तियों को न्यूनतम 18,400 रुपए मासिक वेतन मिलेगा, जिससे उन्हें सम्मान के साथ अपने परिवारों का भरण-पोषण करने में मदद मिलेगी. शून्य गरीबी अभियान के तहत गारंटीकृत कौशल कार्यक्रम और गारंटीकृत प्लेसमेंट कार्यक्रम को राज्य, देश और यहां तक कि विदेशों के उद्योगों से भी मजबूत समर्थन मिला है. बयान में कहा गया है कि अब तक 40 प्रमुख व्यापारिक नेताओं ने अभियान के तहत पहचाने गए परिवारों के सदस्यों को नौकरी देने का संकल्प लिया है, जो इस पहल की व्यापक पहुंच और बढ़ती सफलता को दर्शाता है.
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