मुख्य परिचालन अधिकारी वर्मा ने कहा कि परियोजना विभिन्न श्रेणियों के शिक्षकों को उनके कौशल को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण भी प्रदान करेगी.
World Bank's help to Tripura: विश्व बैंक से सहायता प्राप्त बहु-क्षेत्रीय कार्यक्रम त्रिपुरा ग्रामीण आर्थिक विकास और सेवा वितरण परियोजना (टीआरईएसपी) 2029 तक पूरा होने की उम्मीद है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को बताया कि समय सीमा को पूरा करने के लिए परियोजना के प्रमुख घटकों में से एक, 416 किलोमीटर से अधिक सभी सड़कों के निर्माण को पूरा करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है. टीआरईएसपी के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) गजेंद्र वर्मा ने पीटीआई को बताया कि 416.46 किलोमीटर में से 71.49 किलोमीटर का हिस्सा पूरा हो चुका है, जबकि 133.41 किलोमीटर के लिए निर्माण कार्य चल रहा है. अन्य 133.41 किलोमीटर के लिए कार्य आदेश भी जारी कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि 1,400 करोड़ रुपए की परियोजना में से 500 करोड़ रुपए से अधिक ग्रामीण क्षेत्रों, विशेष रूप से आदिवासी क्षेत्रों में आर्थिक विकास के लिए सड़कों की नींव को मजबूत करने के लिए रखे गए हैं.
आदिवासी बहुल क्षेत्रों में बनेंगे स्कूल भवन
टीआरईएसपी के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) गजेंद्र वर्मा ने कहा कि कुल 23 ग्रामीण विकास (आरडी) ब्लॉक, जिनमें 11 ‘आकांक्षी’ ब्लॉकों के सभी स्कूल इस परियोजना से लाभान्वित होंगे. इसके अलावा मानव पूंजी विकास सेवाओं में निवेश के हिस्से के रूप में कुल 12 स्कूल भवनों का निर्माण किया जाएगा. कहा कि स्कूल भवन निर्माण के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर ली गई है और चार भवनों के लिए काम शुरू हो गया है. सभी स्कूल भवन आदिवासी बहुल क्षेत्रों में स्वदेशी जनजातियों से संबंधित छात्रों के कल्याण के लिए बनाए जाएंगे. वर्मा ने कहा कि परियोजना विभिन्न श्रेणियों के शिक्षकों को उनके कौशल को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण भी प्रदान करेगी.
2029 तक पूरा होने की उम्मीद
अधिकारी ने कहा कि टीआरईएसपी त्रिपुरा ग्रामीण आजीविका प्रबंधन (टीआरएलएम) के तहत उत्पादक समूहों (पीजी) का गठन करके संस्था निर्माण में मदद करेगा. 2,500 के लक्ष्य में से 2,000 पीजी पहले ही गठित किए जा चुके हैं. वर्मा के अनुसार, परियोजना एकल-खिड़की सेवाओं (ऐप और वेब आधारित) को विकसित करने और राज्य सरकार की योजनाओं तक लोगों की पहुंच के लिए वितरण प्रणाली को बढ़ावा देने में भी सहायता करेगी. सरकारी प्रक्रिया पुनर्रचना (जीपीआर) सहित परिकल्पित आईटी समाधानों के अध्ययन के लिए एक फर्म को लगाया गया है, जो मोबाइल डेटा संग्रहण, डेटा प्रसार और विज़ुअलाइज़ेशन के लिए डैशबोर्ड प्रणाली को विकसित करेगा. विश्व बैंक इस परियोजना के लिए लगभग 1,120 करोड़ रुपए का योगदान दे रहा है, जिसे पिछले साल मार्च में लॉन्च किया गया था. इस परियोजना को 2029 तक पूरा होने की उम्मीद है.
ये भी पढ़ेंः आज बेंगलुरु के दौरे पर PM Modi, वंदे भारत एक्सप्रेस समेत मेट्रो की येलो लाइन की जनता को सौगात
