7 March 2024
कल यानी 8 मार्च को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जा रहा है। शिव भक्तों के लिए इस दिन की खास महत्ता है। इस दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती विवाह के बंधन में बंधे थे। शिवरात्रि के दिन भक्तजन पूरे विधि-विधान से पूजन और उपवास करते हैं। मान्यतानुसार, ऐसा करने से भोलेनाथ बेहद प्रसन्न होते हैं और वो अपने भक्त पर जीवन भर असीम कृपा बनाए रखते हैं। भगवान शंकर स्वभाव से भोले हैं इसलिए उन्हें भोलेनाथ कहा जाता है। उन्होंने जन कल्याण के लिए समुद्र मंथन के दौरान विष पीया था। भोलेनाथ से कई बड़ी सीख मिलती हैं जिनको जीवन में उतारकर जिंदगी को बेहतर बनाया जा सकता है। जानते हैं शंकर भगवान से मिलने वाली सीख…
सादा जीवन
भगवान भोलेनाथ कैलाश पर्वत पर वास करते हैं। शंकर कैसाश जैसी वीरान जगह में ध्यान करते हैं। इसी के चलते उनवकी पूजा में बेलपत्र और धतूरे के फूल आदि चढ़ाए जाते हैं। भगवान शंकर के फोटो में कभी भी कीमती वस्त्र और गहन पहने हुए नहीं दिखाया जाता। उनकी तस्वारों से ये सीख मिलती है कि, बड़ा बनने के लिए विचार अच्छे होने चाहिए न कि बाहरी दिखावा।
स्त्री का सम्मान
भोले के बदल में सदैव मां पार्वती विराजमान रहती हैं। इससे ये सीख मिलती है कि, भगवान शंकर कभी भी स्त्री और पुरुष में भेदबाव नहीं करते। वहीं श्रीहरि को फोटो में मां लक्ष्मी के पैर दबाते हुए दिखाया जाता है जिससे इस बात की सीख मिलती है कि, हर पुरुष को स्त्री का सम्मान करना चाहिए।
समानता का भाव
भगावन शिव के भक्त मात्र देवता ही नहीं बल्कि दावन, दैत्य और पशु-पक्षी आदि सभी हैं। देवी-देवताओं द्वारा जिस प्राणी को अस्वीकार कर दिया जाता है, वो महादेव की शरण में आ जाते हैं। देवाधिदेव के इस स्वभाव से सभी प्राणियों के प्रति समान प्रेम भाव रखने की सीख मिलती है।
जन कल्याण
देवों के देव महादेव ने जन कल्याण के लिए बड़े से बड़े कष्ट उठाएं हैं। जब समुद्र मंथन के दौरान विष निकला था तो, भोले ने जन कल्याण के लिए सारा विष खुद पी लिया था। देवाधिदेव के इस कदम से ये सीख मिलती है कि, संसार के कल्याण के लिए बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए।
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