Kaal Bhairav Puja: कालभैरव भगवान को तंत्र-मंत्र के देवता माना जाता है इसलिए इनके पूजन में तामसिक चीजों को शामिल किया जाता है. उज्जैन के काल भैरव मंदिर में बाबा को शराब चढ़ाई जाती है. आइए जानें इससे जुड़ी मान्यताएं.
14 April, 2024
Kaal Bhairav Temple Ujjain: काल भैरव भोले शंकर के क्रोध रूप वाले अवतार हैं. काल भैरव का अर्थ भय का हरण करने वाला होता है. बाबा काल भैरव को शिवजी के गण और मां पार्वती के अनुचर माना जाता है. साथ ही काल भैरव को काशी के कोतवाल भी कहते हैं. कालभैरव भगवान को तंत्र-मंत्र के देवता माना जाता है इसलिए इनके पूजन में तामसिक चीजों को शामिल किया जाता है. उज्जैन के काल भैरव मंदिर में बाबा को शराब चढ़ाई जाती है. चलिए जानते हैं बाबा को शराब चढ़ाने की वजह और इससे जुड़ी मान्यताएं.
शराब क्यों चढ़ाई जाती है
मान्यतानुसार, काल भैरव तामसिक प्रवृत्ति के देवता हैं इसी के चलते उन्हें शराब या मदिरा का भोग लगाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. दरअसल, भगवान बाबा काल भैरव को शराब चढ़ाना शक्ति और संकल्प को दर्शाता है. भगवान काल भैरव को चढ़ाई गई शराब का साधक को खुद सेवन नहीं करना चाहिए. इसल मंदिर में रोजाना लगभग 2 हजार शराब की बोतलें चढ़ाई जाती हैं.
चौंकाने वाली बात
काल भैरव मंदिर में भक्तजन और श्रृद्धालुजन दूर-दूर से दर्शन करने आते हैं. यहां की हैरान करने वाली बात ये हैं कि मंदिर में स्थित काल भैरव की मूर्ति शराब के भोग को ग्रहण करती है. वैज्ञानिक और पुरातत्व विभाग भी आज तक इस रहस्य का पता नहीं लगा पाए हैं. ये मंदिर इसी के चलते लोगों के बीच आस्था का केंद्र बना हुआ है. मान्यतानुसार, राजा भद्रसेन ने शिप्रा नदी के तट पर इस मंदिर को बनाने का कार्य करवाया था. ये प्रचीन मंदिर अष्टभैरवों में प्रमुख कालभैरव को समर्पित है.
मान्यताएं
कई मान्यतानुसार, जो साधक काल भैरव को शराब चढ़ाता है उसके जीवन की सारे कष्ट और बाधाएं दूर हो जाती हैं. साथ ये भी माना जाता है कि जो व्यक्ति रविवार के दिन भगवान काल भैरव को शराब चढ़ाता है उसकी कुंडली में मौजदू सारे ग्रह दोष समाप्त हो जाते हैं. वहीं ऐसे लोग जिनकी कुंडली में पितृदोष, कालसर्प दोष और अकाल मृत्यु जैसी परेशानियां होती हैं वो काल भैरव को शराब चढ़ाकर छुटकारा पाते हैं.
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