Home खेल सर रवींद्र जडेजा नोट कर लीजिए, काफी कारगर साबित हो सकती है अनिल कुंबले की ये सलाह

सर रवींद्र जडेजा नोट कर लीजिए, काफी कारगर साबित हो सकती है अनिल कुंबले की ये सलाह

by Vikas Kumar
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Ravindra Jadeja

पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले ने जियो हॉटस्टार से बात करते हुए ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा की लॉर्ड्स की पारी की तारीफ की और उन्हें एक अहम सलाह भी दी.

Anil Kumble on Ravindra Jadeja: लॉर्ड्स टेस्ट में टीम इंडिया की हार के बाद पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले ने ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को लेकर बयान दिया है. जियो हॉटस्टार पर अनिल कुबले ने कहा कि रवींद्र जडेजा को लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ स्पिनर बशीर पर अटैक करना चाहिए था. अहम ये है कि मैच देखते हुए कुंबले की 26 साल पहले चेन्नई में पाकिस्तान के खिलाफ दिल टूटने की यादें ताजा हो गईं. बता दें कि उस दिन, पीठ में दर्द के बावजूद खेल रहे सचिन तेंदुलकर की 136 रनों की शानदार पारी के बावजूद भारत 12 रनों से हार गया था. उस मैच में ऑफ स्पिनर सकलैन मुश्ताक द्वारा जवागल श्रीनाथ को आउट करना उसी तरह था जैसे सोमवार को गेंद सिराज के स्टंप उखाड़ गई थी.

अनिल कुंबले ने क्या कहा?

अनिल कुंबले ने कहा, “मुझे चेन्नई में पाकिस्तान के खिलाफ 12 रनों से हार का सामना करना पड़ा था, उस टेस्ट मैच की याद आ गई. यह (सिराज का आउट होना) भी कुछ ऐसा ही आउट था. सिर्फ 22 रन. जडेजा को आउट होना पड़ा. मेरा मतलब है, उन्होंने भारत को जीत के इतने करीब पहुंचाने की योजना बनाई थी. लेकिन इंग्लैंड अपने काम पर डटा रहा.” बता दें कि लॉर्ड्स टेस्ट के आखिरी दिन रवींद्र जडेजा हर ओवर की चौथी या पांचवीं गेंद पर सिंगल ले रहे थे, लेकिन कुंबले को लगा कि वह कुछ धीमे गेंदबाजों के खिलाफ थोड़ा जोखिम उठा सकते थे.

जडेजा को बॉलर्स की करनी थी पहचान

अनिल कुंबले ने कहा, “उन्हें उन गेंदबाजों की पहचान करनी चाहिए थी जिन्हें वह निशाना बना सकते थे. जैसा कि मैंने क्रिस वोक्स का जिक्र किया, जो हवा में थोड़े धीमे हैं, और जो रूट या बशीर. हालांकि वे ऑफ-स्पिनर हैं, लेकिन ऐसा नहीं था कि गेंद सीधे टर्न ले रही थी. आदर्श रूप से, अगर किसी को जोखिम उठाकर आउट होना ही था, तो वह सिराज की बजाय जडेजा को होना चाहिए था. उन्होंने स्ट्राइक हासिल करने में अच्छा प्रदर्शन किया, खासकर जब बुमराह और सिराज दूसरे छोर पर थे.” कुंबले ने हालांकि, जडेजा की नाबाद 61 रनों की पारी की तारीफ की, क्योंकि उन्होंने 193 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत को लगभग 170 रनों तक पहुंचाने में चमत्कारिक भूमिका निभाई थी. कुंबले ने कहा, “वह पूरे समय शानदार रहे. वह दिन के छठे ओवर में जल्दी आए और नाबाद रहे. 7 विकेट पर 82 रन बनाने के बाद सिर्फ बुमराह और सिराज के रहते स्कोर को दोगुना करना अविश्वसनीय है. अन्य बल्लेबाज निराश होंगे, उनके पास मौके थे. साथ ही, पहली पारी में 32 और दोनों पारियों में लगभग 65 रन के अतिरिक्त रन भी चर्चा का विषय होंगे.”

ये भी पढ़ें- चौथे टेस्ट मैच के लिए इंग्लैंड ने कसी कमर, बशीर की जगह इस खिलाड़ी की 8 साल बाद कराई वापसी

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