सेंट्र्ल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल ने कहा है कि चार जून को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ के लिए रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ही जिम्मेदार है.
Big Blow for RCB: लगता है रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए IPL ट्रॉफी मुसीबत का सबब बन गई है. ऐसा कहने के पीछे का लॉजिक ये है कि उसकी मुसीबतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. RCB के लिए अब एक और बड़ा सिरदर्द सामने आया है. CAT यानी कि सेंट्र्ल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल ने आरसीबी को जो टेंशन दी है, वो उसके लिए सबसे बड़ा झटका है. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, सेंट्र्ल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल ने मंगलवार को पाया है कि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु 4 जून को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ के लिए “प्रथम दृष्टया जिम्मेदार” है. अहम ये है कि इस हादसे में 11 लोगों की जान गई थी. RCB द्वारा विधान सौध से विजय परेड और टीम की पहली आईपीएल जीत का जश्न मनाने के लिए स्टेडियम में फैन एंगेजमेंट प्रोग्राम की अनाउंसमेंट के बाद स्टेडियम के पास एमजी रोड और कब्बन रोड इलाकों में लगभग 2.5 लाख फैंस जमा हो गए थे.
CAT ने क्या कहा?
सेंट्र्ल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल ने कहा, “प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि लगभग तीन से पांच लाख लोगों के एकत्र होने के लिए आरसीबी जिम्मेदार है. आरसीबी ने पुलिस से उचित अनुमति या सहमति नहीं ली. अचानक, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया और उसके तुरंत बाद लोग जमा हो गए.”बता दें कि आरसीबी ने 4 जून की सुबह परेड और प्रशंसकों की मौजूदगी के बारे में अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किया था और ट्रिब्यूनल ने कहा कि पुलिस विभाग के पास इतने कम समय में इतनी बड़ी भीड़ को संभालने के लिए पर्याप्त समय नहीं था.
क्या पुलिस का किया बचाव?
CAT ने कहा, ” चार जून 2025 को समय की कमी के कारण पुलिस उचित व्यवस्था करने में असमर्थ थी. पुलिस को पर्याप्त समय नहीं दिया गया था. अचानक, आरसीबी ने बिना किसी पूर्व अनुमति के इस प्रोग्राम को अनाउंस कर दिया. पुलिस कर्मी भी इंसान हैं. वे न तो भगवान हैं और न ही जादूगर और न ही उनके पास अलादीन के चिराग जैसी जादुई शक्तियां हैं, जो उंगली रगड़ने से ही किसी की इच्छा पूरी कर देते हैं.” इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करने के लिए रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु का मैनेजमेंट अवेलेबल नहीं था. इससे पहले, दुखद घटनाओं के संबंध में आरसीबी और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ के खिलाफ आरोप लगाए गए थे, जिसके कारण केएससीए सचिव ए. शंकर और कोषाध्यक्ष जयराम ने इस्तीफा दे दिया था. सोशल मीडिया पर भी लोग इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे थे.
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