Home खेल क्या ‘रोको’ यानी रोहित-कोहली की जोड़ी खेलेगी 2027 का World Cup? सौरव गांगुली ने की भविष्यवाणी

क्या ‘रोको’ यानी रोहित-कोहली की जोड़ी खेलेगी 2027 का World Cup? सौरव गांगुली ने की भविष्यवाणी

by Vikas Kumar
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Sourav Ganguly

पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने न्यूज एजेंसी PTI से बातचीत में कहा कि मुझे लगता है कि रोहित शर्मा और विराट कोहली ही अगला वर्ल्ड कप खेलने पर फैसला लेंगे.

Sourav Ganguly on Rohit-Kohli: क्या रोहित शर्मा और विराट कोहली 2027 के वनडे वर्ल्ड कप में खेलते दिखेंगे? दोनों ही खिलाड़ियों के फैंस इस सवाल को लेकर चिंतित हैं. इस बीच पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने बड़ी भविष्यवाणी कर दी है. न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में सौरव गांगुली ने एक बड़ा प्रेडिक्शन किया. पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का कहना है कि विराट कोहली और रोहित शर्मा के लिए फिट रहना और 2027 में भारत की वनडे विश्व कप टीम में जगह बनाना आसान नहीं होगा. गांगुली ने कहा, “हम सभी को यह समझना चाहिए कि हर किसी की तरह खेल उनसे दूर चला जाएगा और वे खेल से दूर चले जाएंगे. अगला वनडे विश्व कप दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्वे और नामीबिया में होना है और जब तक प्रतिष्ठित आईसीसी इवेंट खेला जाएगा, तब तक कोहली 38 साल के हो जाएंगे और रोहित 40 साल के हो जाएंगे. तब तक भारत को नौ द्विपक्षीय श्रृंखलाओं में 27 वनडे खेलने हैं। इसका मतलब है कि कोहली और रोहित को साल में मुश्किल से 15 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने को मिलेंगे.”

गांगुली ने क्या कहा?

सौरव गांगुली ने कहा, “रोहित शर्मा और विराट कोहली के लिए साल में 15 मैच खेलना आसान नहीं होने वाला है. मेरे पास दोनों ही प्लेयर्स के लिए कोई एडवाइस भी नहीं है. मुझे लगता है कि वे खेल को उतना ही जानते हैं जितना मैं जानता हूं. वे फैसला लेंगे. कोहली जैसी क्षमता वाला खिलाड़ी ढूंढना आसान नहीं होगा, दिग्गजों के संन्यास के बाद भारतीय क्रिकेट को लेकर चिंतित नहीं हूं. मुझे बिल्कुल भी चिंता नहीं थी. विराट एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं. उनका विकल्प खोजने में समय लगेगा. लेकिन बाकी, मुझे आश्चर्य नहीं हुआ.” बता दें कि रोहित और कोहली के टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट लेने के बाद दोनों ही प्लेयर्स ने ग्लोबल ईवेंट यानी कि वनडे वर्ल्ड कप में खेलने की इच्छा जताई है.

युवराज पर क्या बोले दादा?

युवराज सिंह के बारे में बात करते हुए गांगुली ने कहा, “वे एक खास खिलाड़ी थे, जिन्होंने सफेद गेंद के प्रारूप में खूब तरक्की की, लेकिन पारंपरिक प्रारूप में अपनी वास्तविक क्षमता को छूने के लिए उन्हें पर्याप्त मौके नहीं मिले. मुझे याद है कि मैंने पहली बार नैरोबी में युवराज को देखा था और पाया था कि वह खास है. उसके बाद उसने भारत के लिए वनडे क्रिकेट में जो किया वह अविश्वसनीय है. वह 2007 के विश्व टी20 में प्लेयर ऑफ द सीरीज, 2011 के विश्व कप में प्लेयर ऑफ द सीरीज, रन, विकेट फील्डिंग में वह खास थे.”

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