Sreejesh on Pro League: FIH प्रो लीग भले ही पॉइंट्स टेबल में भारत के लिए निराशाजनक रही हो, लेकिन इसे पी.आर. श्रीजेश जैसे दिग्गज एक अवसर के रूप में देख रहे हैं.
Sreejesh on Pro League: भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान और दिग्गज गोलकीपर पी.आर. श्रीजेश ने हाल ही में समाप्त हुई FIH प्रो लीग को अगले साल होने वाले एशियन गेम्स और हॉकी वर्ल्ड कप से पहले एक जरूरी ‘वेक-अप कॉल’ बताया है. यूरोप में भारत के खराब प्रदर्शन के बावजूद श्रीजेश ने खिलाड़ियों की मेहनत और जुझारूपन को सराहा और कहा कि टीम को अब नए उत्साह और रणनीति के साथ तैयारी करनी चाहिए. कोच के रूप में उनका नया अवतार भारत की जूनियर टीम को मजबूती से गढ़ रहा है, और आने वाले महीनों में यही अनुभव भारतीय हॉकी के भविष्य की नींव रखेगा.
प्रो लीग में मिला सबक
भारत ने FIH प्रो लीग के यूरोप दौरे में संघर्ष किया और नौ में से आठवें स्थान पर रहकर मुश्किल से रेलीगेशन से बचा. हालांकि श्रीजेश ने कहा कि खिलाड़ियों ने मैदान पर अच्छा प्रदर्शन किया, मौके बनाए और डटे रहे, लेकिन परिणाम अनुकूल नहीं रहे.उन्होंने आगे कहा, “तैयारी एकदम सही थी लेकिन दुर्भाग्यवश परिणाम हमारे पक्ष में नहीं आए. हमने कड़ी टक्कर दी, मौके बनाए, पर कभी-कभी परिणाम हाथ से निकल जाते हैं,”.

एशियन गेम्स और वर्ल्ड कप की तैयारी के लिए समय
श्रीजेश ने यह भी कहा कि कोचिंग स्टाफ के पास अब टीम को बेहतर बनाने के लिए पर्याप्त समय है. उन्होंने भरोसा जताया कि टीम एशिया कप, एशियन गेम्स और वर्ल्ड कप के लिए खुद को तैयार कर पाएगी. श्रीजेश कहते हैं कि, “यह प्रो लीग हमारे लिए एक अच्छा चेतावनी संकेत था कि हमें पूरी तरह से सतर्क और तैयार रहना होगा”. गौरतलब है कि एशियन गेम्स 19 सितंबर से 4 अक्टूबर 2026 के बीच जापान के आइची-नागोया में होंगे, जबकि वर्ल्ड कप 15 से 30 अगस्त तक नीदरलैंड और बेल्जियम में होगा.
अब कोच की भूमिका में, जूनियर टीम को दे रहे अनुभव की सीख
पेरिस ओलंपिक के बाद संन्यास लेने वाले श्रीजेश अब भारतीय जूनियर पुरुष हॉकी टीम के कोच हैं और नई भूमिका में खुद को पूरी तरह समर्पित कर चुके हैं. इस पर उन्होंने कहा की, “अब शरीर की बजाय दिमाग पर ज्यादा दबाव है. पहले प्लेयर के तौर पर ट्रेनिंग करता था, अब कोच के तौर पर सोच और रणनीति पर ध्यान देना होता है. लेकिन मैं इसका आनंद ले रहा हूं.”
जूनियर वर्ल्ड कप को लेकर गंभीर तैयारी
भारत इस साल 28 नवंबर से 10 दिसंबर तक चेन्नई और मदुरै में जूनियर वर्ल्ड कप की मेज़बानी करेगा. श्रीजेश इसे खिलाड़ियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती मानते हैं और उन्हें बड़े टूर्नामेंट के लिए मानसिक रूप से तैयार कर रहे हैं. इस पर अपनी राय देते हुए श्रीजेश ने कहा,“मैं खिलाड़ियों से अपने अनुभव साझा कर रहा हूं, ताकि वे बड़े मैचों के दबाव से न डरें. कोच के रूप में मेरी जिम्मेदारी है कि मैं दबाव को खुद झेलूं और उन्हें आत्मविश्वासी बनाऊं. मैं नहीं चाहता कि मेरे खिलाड़ी सिर्फ एक टीम के बारे में सोचें. टूर्नामेंट असल में क्वार्टरफाइनल से शुरू होता है, वहां तक पहुंचना और फिर हर मुकाबले पर फोकस करना जरूरी है.”
बता दें, भारत को पूल बी में पाकिस्तान, चिली और स्विट्जरलैंड के साथ रखा गया है. हालांकि पाकिस्तान की भागीदारी को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है, श्रीजेश टीम को हर टीम के खिलाफ समान रूप से तैयार कर रहे हैं.
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