Maharashtra Politics : महाराष्ट्र में चुनाव चिह्न को लेकर सियासत तेज हो गई है और इसी कड़ी में उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि ठाकरे एक ब्रांड है.
Maharashtra Politics : शिवसेना के चुनाव चिह्न को लेकर एक बार महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है. शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा कि ठाकरे सिर्फ एक ब्रांड नहीं, बल्कि महाराष्ट्र मराठी मानुस और हिंदू गौरव की पहचान हैं. उन्होंने कहा कि अब इस ब्रांड को कुछ लोग खत्म करने की साजिश रच रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने इलेक्शन कमीशन (Election Commission) पर निशाना साधते हुए कहा कि आयोग उनकी पार्टी का चुनाव चिह्न जब्त कर सकता है या फिर किसी दूसरे को दे सकता है. उद्धव ठाकरे ने कहा कि मेरे दादा केशव ठाकरे और पिता बाल ठाकरे (Bal Thackeray) द्वारा गढ़े गए पार्टी नाम को किसी और देने का कोई अधिकार नहीं है.
हमारी जड़ें पुरानी हैं : उद्धव
उद्धव ठाकरे ने सत्ताधारी दल पर निशाना साधते हुए कहा कि मराठी धरती में हमारी गहरी जड़ें कई पीढ़ियों पुरानी हैं. साथ ही मेरे दादा और शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के समय से ही मराठी मानुष के साथ हमारे संबंध मजबूत हैं. अब मैं और आदित्य वहां पर हैं, साथ ही हमारे साथ राज ठाकरे भी आ गए हैं. वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि ठाकरे का मतलब है कि निरंतर संघर्ष. उन्होंने आगे कहा कि उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे की तरफ से एक मोर्चा बनाने के लिए ठाकरे ब्रांड वाक्यांश का इस्तेमाल करते रहे हैं. ठाकरे सिर्फ एक ब्रांड नहीं, यह मराठी मानुस की पहचान है. कुछ लोगों ने इस पहचान को मिटाने की कोशिश की है और कई लोग ऐसा पहले भी ऐसा करने के लिए आए हैं, लेकिन खुद ही तबाह हो गए.
विधायक तोड़ने के बाद BJP के साथ बनाई सरकार
बता दें कि साल 2022 में एकनाथ और उनके साथ 39 विधायकों ने शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ बगावत करने के बाद शिवसेना टूट गई और इसकी वजह से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी की सरकार गिर गई. इसके बाद एकनाथ शिंदे ने BJP से हाथ मिलाकर सरकार बना ली और मुख्यमंत्री पद पर विराजमान हो गए. इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ने BJP और RSS पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिन लोगों ने 100 वर्षों पूरे करने के बाद भी कुछ नहीं बना पाए या फिर किसी एक क्षेत्र में मिसाल कायम नहीं कर पाए तो उन्होंने ठाकरे ब्रांड चुराना शुरू कर दिया. इसी कड़ी में उन्होंने शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ भी चुराया जा सकता है, लेकिन नाम को कोई कैसे चुरा सकता है.
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