Who is Indian DGMO? : वो शख्स जिसके बदौलत आज दोनों देशो के बीच गोलीबारी की गूंज की जगह सीजफायर है. ये शख्स किसी अन्य देश का नहीं बल्कि दुनिया को कई वीर देने वाले देश हिंदुस्तान का है.
Who is Indian DGMO?: भारत पाकिस्तान के बीच पिछले कुछ दिनों से तनाव का माहौल है. दोनों ही देश एक दूसरे की जान के पीछे पड़े हैं. कभी गोलीबारी तो कभी मिसाइल या ड्रोन, बीते कुछ दिन दोनों देशों के लिए बहुत भरी रहे हैं. जिससे बचने के चक्कर में पाकिस्तान ने तो अमेरिका तक का दरवाजा खटखटा दिया. जिसके बाद 10 मई को दोनों देशों के बीच सीजफायर लग गयी. पर इसी सीजफायर से जुड़ा एक और पहलू है. वो पहलू जो आज तक किसी के सामने शायद ही आया हो. वो शख्स जिसके बदौलत आज दोनों देशो के बीच गोलीबारी की गूंज की जगह सीजफायर है. ये शख्स किसी अन्य देश का नहीं बल्कि दुनिया को कई वीर देने वाले देश हिंदुस्तान का है. वो नाम है जनरल राजीव घई का, जिसके महज एक फोन ने पाकिस्तान की नींद उदा दी. आइए करीब से जानतें हैं उस नाम को जिसने संभाली ऑपरेशन सिंदूर की डोर.
पाक ने लगाई थी मदद की गुहार
भारत और पाकिस्तान के बीच जारी कई दिनों के तनाव और फिर अचानक हुए सीजफायर की घोषणा के पीछे जो नाम सबसे अहम है, वह हैं भारतीय सेना के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई का है. शनिवार को पाकिस्तान के DGMO मेजर जनरल कासिफ अब्दुल्ला ने हॉटलाइन पर जनरल घई से सीधा संपर्क किया और सीमा पर शांति की अपील की, जिसके बाद सीजफायर के बारे में सोचा गया.

कई बार घाटी में करा है आतंक का खात्मा
जनरल राजीव घई ने पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की रणनीति तैयार करने में भी अहम भूमिका निभाई थी. भारत के इस जवाबी ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकी ढेर किए गए और POK में कई आतंकी ठिकाने तबाह हुए. ले. जनरल राजीव घई अक्टूबर 2024 से DGMO के पद पर हैं. इससे पहले वे श्रीनगर स्थित चिनार कोर (15वीं कोर) के कमांडर रह चुके हैं. इस दौरान उन्हें LOC और जम्मू-कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों से निपटने का व्यापक अनुभव प्राप्त हुआ.
भारत द्वारा करे गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में जिन पांच प्रमुख आतंकी अड्डों को भारतीय सेना ने निशाना बनाया, उनकी पहचान खुद घई और चिनार कोर की टीम ने की थी. इससे उनकी रणनीतिक सोच और ग्राउंड इनसाइट का अंदाजा लगाया जा सकता है.
पाक के DGMO से हर मंगलवार होती बातचीत
2021 में भी LOC पर स्थिरता बनाए रखने के लिए जो समझौता हुआ था, उसमें भी DGMO स्तर पर सहमति बनी थी. लेकिन इसमें रोचक बात यह की तब के बाद से, हर मंगलवार को दोनों देशों के DGMO हॉट-लाइन पर बात करते हैं. हालांकि, हालात बिगड़ने पर यह संपर्क कभी भी हो सकता है. अब 12 मई को फिर से दोनों देशों के DGMO बात करेंगे, जिसमें 10 मई को घोषित सीजफायर के बाद की परिस्थितियों की समीक्षा होगी.
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