Military of Burkina Faso : बुर्किना फासो के पश्चिमी इलाके सोलेंजो में बुर्किना फासो बल ने 100 लोगों की नागरिकों की हत्या कर दी थी. इस घटना की वीडियो वायरल होने के बाद ह्यूमन राइट्स वॉच ने बड़े गंभीर आरोप लगाए.
Military of Burkina Faso : पश्चिमी अफ्रीकी देश बुर्किना फासो ने मार्च में पश्चिमी शहर सोलेंजो के पास 100 नागरिकों की हत्या कर दी थी. इसके बाद पीड़ितों ने इस मामले में आवाज उठाई और इस घटना का सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर भी कर दिया. इस वीडियो में देखा गया कि बुर्किना फासो के विशेष बल, सरकार के समर्थक मिलिशिया और वॉलंटियर्स फॉर द डिफेंस ऑफ द होमलैंड के सदस्य थे. जिन पीड़ितों की हत्या की गई थी वह ज्यादा फुलानी समुदाय से संबंध रखते थे और इनका मुख्य काम चारवाह का है. इन समुदाय पर सरकार अक्सर आरोप लगाती आई है कि यह लोग कट्टर मुस्लिम आतंकियों का समर्थन करते रहे हैं.
बुर्किना फासो बल पर लगे गंभीर आरोप
इसी बीच ह्यूमन राइट्स वॉच ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें दावा किया गया है कि सोशल मीडिया पर वीडियो में जो सबूत दिए गए उसमें संलिप्तता की संभावना है. हालांकि, अभी निष्कर्ष पूरी तरह से निश्चित नहीं है. हालांकि, जब ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट सामने आई तो सरकार ने इसका पुरजोर खंडन किया और कहा कि देश में नफरत और सामुदायिक हिंसा को बढ़ावा देने वाली छवियों और सामाजिक सामंजस्य को बिगाड़ने के लिए सोशल मीडिया पर एजेंडा चलाया गया है. वहीं, ह्यूमन राइट्स वॉच की रिसर्चर ने दावा किया है कि घटना का जो वीडियो सामने आया उसने पूरे देश में खलबली मचा दी थी. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि बुर्किना फासो की सेना फुलानी नागरिकों की इन सामूहिक हत्याओं के लिए जिम्मेदार थी. इसके बाद ही इस्लामी सशस्त्र समूह की तरफ से प्रतिशोध किया गया था.
कई लोग भागने में नहीं हुए सफल
23 मिलियन वाला आबादी वाला यह देश हमेशा से सुरक्षा का संकट रहा है. इस देश की सुरक्षा व्यवस्था का ढांचा सबसे ज्यादा वहां पर हिलता है जब ल-कायदा और इस्लामिक स्टेट समूह से जुड़े चरमपंथी सरकार पर हमला करने की कोशिश करते हैं. 2022 में सत्ता संभालने वाली सैन्य जुंटा ने वादा किया था कि वह स्थिरता प्रदान करने में विफल रही. रूढ़िवादी लोगों का स्पष्ट कहना है कि 60 से अधिक हिस्सा सरकारी नियंत्रण से मुक्त है. इसी बीच बताया जा रहा है कि 6.5 मिलियन लोगों को जीवित रहने के लिए मानवीय सहायता की जरूरत है. इस घटना को लेकर लोगों का कहना था कि हम पर जानवरों की तरह गोलियां चलाई गईं और ड्रोन हमारे सिर पर उड़ रहे थे. उन्होंने आगे कहा कि कई महिलाएं और बच्चे इसलिए मर गए क्योंकि वह भागने में अक्षम थे. वहीं, रिपोर्ट में कहा गया है कि हमले के बाद सैकड़ों फुलानी निवासी सीमा पार कर पड़ोसी माली में भाग गए.
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