Home Top News 19 लोगों की मौत और असम में बाढ़ से रुकी जिंदगी की रफ्तार, पसरा तबाही का मंजर

19 लोगों की मौत और असम में बाढ़ से रुकी जिंदगी की रफ्तार, पसरा तबाही का मंजर

by Vikas Kumar
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असम ने बाढ़ ने ऐसी तबाही मचाई है कि जिसने भी तबाही के मंजर को देखा, उसकी रूह कांप गई.

असम ने बाढ़ ने ऐसी तबाही मचाई है कि जिसने भी तबाही के मंजर को देखा, उसकी रूह कांप गई. अबतक बाढ़ से मरने वालों का आंकड़ा बढ़ कर 19 हो गया है.

Assam Flood Wreack Havoc: असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है और राज्य के 21 जिलों में करीब सात लाख लोग बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं. अहम ये है कि राज्य की प्रमुख नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है. अधिकारियों ने जानकारी दी है कि बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है. बुधवार को भी बाढ़ के कहर से दो लोगों की मौत हो गई. वहीं कछार जिले में एक व्यक्ति लापता बताया जा रहा है. राज्य भर में नौ प्रमुख नदियां, जिनमें तीन स्थानों पर ब्रह्मपुत्र भी शामिल है, खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जबकि कछार जिले में बराक नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और इसकी सहायक नदियों का जलस्तर भी काफी बढ़ा हुआ है. राज्य की कुछ नदियां लाल निशान से ऊपर बह रही हैं.

कितने गांव हैं बाढ़ से प्रभावित?

बाढ़ के कहर ने 66 राजस्व सर्किलों में 1,494 गांवों को प्रभावित किया है, जिनमें सबसे अधिक श्रीभूमि में 339 गांव, नागांव में 189, कछार में 166 और हैलाकांडी जिलों में 156 गांव प्रभावित हुए हैं. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के बुलेटिन के अनुसार, श्रीभूमि सबसे अधिक प्रभावित है, जहां 2,59,601 की आबादी बाढ़ के पानी में डूबी हुई है. जिला अधिकारियों ने 405 राहत शिविर खोले हैं, जहां 41,317 लोगों ने शरण ली है. 1,12,324 राहत वितरण केंद्र भी खोले गए हैं. राज्य के विभिन्न हिस्सों से सड़कों, पुलों, शैक्षणिक संस्थानों, आंगनवाड़ी केंद्रों, बिजली के खंभों और अन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचने की सूचना मिली है. राज्य सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है कि प्रभावितों को राहत पहुंचाई जाए.

ये जिले हुए हैं सबसे ज्यादा प्रभावित

प्रभावित जिलों में हैलाकांडी, डिब्रूगढ़, मोरीगांव, होजई, कामरूप, नागांव, गोलाघाट, बिवनाथ, कछार, श्रीभूमि, सोनितपुर, लखीमपुर, दरांग, बारपेटा, गोलपाड़ा, दक्षिण सलमारा, कार्बी आंगलोंग पश्चिम, दीमा हसाओ, शिवसागर, कामरूप (मेट्रो) और धेमाजी शामिल हैं. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के प्रवक्ता ने कहा कि रेलवे पटरियों पर बढ़ते जल स्तर और वाशिंग पिट्स में जलभराव के कारण दक्षिणी असम के विभिन्न हिस्सों में ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुई हैं, खासकर सिलचर में. प्रवक्ता ने कहा कि रेलवे कर्मी पटरियों को साफ करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं ताकि यातायात सेवाएं दोबारा से सुचारू तरीके से शुरू हो सकें. प्रवक्ता ने कहा कि कुछ छोटी दूरी की यात्री ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं लेकिन लंबी दूरी की ट्रेनें अभी भी चल रही हैं.

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