लोकसभा चुनाव हो या फिर विधानसभा चुनाव नामांकन पत्र के साथ प्रत्येक प्रत्याशी को नोटरी स्तर पर बनावाया गया एक शपथ पत्र भी देना होता है. इसमें प्रत्येक प्रत्याशी को अपनी आय-व्यय का ब्योरा बताना होता है.
6 April, 2024
लोकसभा चुनाव हो या फिर विधानसभा चुनाव नामांकन पत्र के साथ प्रत्येक प्रत्याशी को नोटरी स्तर पर बनवाया गया एक शपथ पत्र भी देना होता है. इसमें प्रत्येक प्रत्याशी को अपनी आय-व्यय का ब्योरा बताना होता है. उम्मीदवार को अपनी शैक्षिक योग्यता की जानकारी भी नामांकन के दौरान देनी होती है. इस फॉर्म में पासपोर्ट साइज की तस्वीर के अलावा, आधार कार्ड और पैन कार्ड के साथ मूल निवास और जाति प्रमाणपत्र की प्रतिलिपि (फोटोकॉपी) साथ में लगानी पड़ती है.
एक जानकारी मुहैया कराना होता है अनिवार्य
उम्मीवादर को नामांकन पत्र जमा करने के दौरान अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा देना होता है. इसमें जेवरता और जमीन के साथ-साथ कर्ज की जानकारी भी देनी होती है. इस कड़ी में अगर प्रत्याशी शादीशुदा है तो पत्नी और अगर बच्चे हैं तो उनकी आय-व्यय का ब्योरा भी मुहैया कराना होता है. इसके साथ ही जेवरात और जमीन के अलावा कर्ज आदि की हर एक जानकारी मुहैया कराना अनिवार्य है.
कोर्ट केस के बारे में भी देनी होती है जानकारी
बता दें कि प्रत्याशी का अगर कोर्ट में कोई केस चल रहा है और या फिर किसी केस में सजा हुई है तो इसकी जानकारी शपथ पत्र के जरिए ही देना होता है. इसके अलावा, उम्मीवाद और उसकी पत्नी और बच्चों के पास हथियारों और आपराधिक मामलों के बारे में भी जानकारी देनी होगी.
पड़ताल भी की जाती है
नामांकन के बाद चुनाव आयोग उम्मीदवार के सभी दस्तावेजों की जांच-पड़ताल करता है. इस दौरान चुनाव अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा हर जानकारी की बारीकी से पड़ताल की जाती है. इस पूरी प्रक्रिया को स्क्रूटनी कहा जाता है. यह अलग बात है कि नामांकन के बाद आयोग की तरफ से तय तारीख तक प्रत्याशी चुनाव से अपना नाम वापस भी ले सकता है. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2024 के तहत कुल 543 सीटों पर 7 चरणों में मतदान होगा, जबकि परिणाम 04 जून को घोषित किया जाएगा.
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