Gurudutt Best Movie: गुरुदत्त की फिल्मों में सिर्फ कहानी नहीं होती थी, उसमें दिल धड़कता था. उनकी सिनेमाई दुनिया आज भी उतनी ही खूबसूरत है. ऐसे में आपके लिए उनकी बेस्ट फिल्मों की लिस्ट लाए हैं.
09 July, 2025
Gurudutt Best Movie: बॉलीवुड के इतिहास में कुछ कलाकार ऐसे होते हैं जो भले ही समय से पहले इस दुनिया से चले जाते हैं, लेकिन उनके काम की चमक कभी फीकी नहीं पड़ती. गुरुदत्त ऐसे ही एक एक्टर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर थे. उनकी फिल्में लोगों को सिर्फ एंटरटेन नहीं करती थीं, बल्कि दिलों में उतर जाया करती थीं. गुरुदत्त की फिल्मों में इमोशन और प्यार की कोई कमी नहीं होती थी. ऐसा कॉम्बिनेश अब की फिल्मों में कम ही देखने को मिलता है. यही वजह है कि आज आपके लिए गुरुदत्त के करियर की 5 बेस्ट फिल्में लेकर आए हैं. ये फिल्में आज भी उतनी ही असरदार हैं जितनी उस वक्त थीं.
प्यासा
साल 1957 में रिलीज हुई गुरुदत्त की प्यारा इस लिस्ट में पहले नंबर पर है. इस फिल्म में बड़ी खूबसूरती से एक कवि की भूख, समाज की बेरुखी और दिल की बात कही गई है. गुरुदत्त की सबसे आइकॉनिक फिल्मों में से एक प्यासा में साहिर लुधियानवी के गीतों और एस.डी. बर्मन के म्यूज़िक ने चार चांद लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. संगीत इसे अमर बना देते हैं।
कागज़ के फूल
गुरुदत्त की फिल्म कागज़ के फूल साल 1959 में रिलीज़ हुई थी. सिनेमा की दुनिया के पीछे छिपा अकेलापन और टूटते रिश्तों की कहानी, प्यारा आस भी बहुत कुछ कहती है. ये भारत की पहली सिनेमास्कोप फिल्म थी, जो गुरुदत्त के करियर की बेहतरीन फिल्मों में से एक बनी.
हालांकि, बॉक्स ऑफिस पर ये फिल्म खास कमाल नहीं दिखा पाई, लेकिन आज ये बॉलीवुड की कल्ट क्लासिक्स में शामिल है.
साहिब बीबी और गुलाम
साल 1962 में रिलीज हुई साहिब बीबी और गुलाम भी इस लिस्ट का हिस्सा है. प्यार, बेबसी और बर्बादी पर बनी ये फिल्म बहुत ही खूबसूरत, मगर दर्दभरी दास्तान है. इस फिल्म में गुरुदत्त ने गुलाम का रोल निभाया था. मीना कुमारी के साथ उनकी केमिस्ट्री, बंगाल की हवेली और गुरुदत्त के डायरेक्शन ने इस फिल्म को क्लासिक बना दिया.
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मिस्टर एंड मिसेज 55
गुरुदत्त की मिस्टर एंड मिसेज 55 साल 1955 में रिलीज़ हुई थी. इस फिल्म में गुरुदत्त के साथ मधुबाला की जोड़ी दिखी. ये फिल्म एक मॉडर्न लड़की और सीधे सादे लड़के की मज़ेदार प्रेम कहानी कहती है. फिल्म के कई गाने आज भी खूब सुने जाते हैं. इनमें जानें कहां मेरा जिगर गया जी, सबसे बड़ा हिट रहा.
चौदहवीं का चांद
चौदहवीं का चांद साल 1960 में रिलीज हुई थी, जिसमें गुरुदत्त के साथ वहीदा रहमान लीड रोल में थीं. लखनऊ का नवाबी अंदाज, रोमांस और क्लासिकल म्यूज़िक इस फिल्म की जान बना. फिल्म का टाइटल सॉन्ग आज भी सुपरहिट है. लोगों को इस फिल्म में गुरुदत्त का रोमांटिक अंदाज़ बेहद पसंद आया.
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