मतदाता सूची संशोधन पर विपक्ष के वार पर अब भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार किया है. बीजेपी ने पूछा कि क्या ये लोग चाहते हैं कि बिहार में घुसपैठिए वोट दें?
Row on Electoral Roll Revision: बिहार में मतदाता सूची संशोधन पर जारी विपक्षी पार्टियों के घमासान पर अब भारतीय जनता पार्टी ने निशाना साधा है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि बिहार में मतदाता सूची संशोधन के खिलाफ विपक्षी दल न्यायपालिका पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का पुरजोर समर्थन करते हुए, भाजपा ने बुधवार को इस प्रक्रिया के खिलाफ राज्य में आयोजित विपक्षी दलों के बंद पर निशाना साधा और पूछा कि क्या वे चाहते हैं कि रोहिंग्या सहित अवैध घुसपैठिए चुनाव में वोट दें.
रविशंकर प्रसाद ने साधा निशाना?
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बंद के पीछे के मकसद पर सवाल उठाया और विपक्षी दलों से पूछा कि क्या वे इस तरह के हथकंडे अपनाकर न्यायपालिका पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “ये सभी नेता सुप्रीम कोर्ट गए हैं, जो उनका अधिकार है, और जब कल सुनवाई होनी है, तो वे आज दबाव बनाने के लिए सड़क पर राजनीति क्यों कर रहे हैं?” प्रसाद ने पूछा कि जब सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को इस मामले की सुनवाई होनी है, तो आज सड़कों पर उतरने का क्या उद्देश्य है. उन्होंने आगे कहा, “इन लोगों को या तो न्यायपालिका पर भरोसा करना चाहिए या सड़कों पर ही रहना चाहिए.” प्रसाद ने इस बात पर जोर दिया कि चुनाव में केवल वही लोग वोट दे सकते हैं जो भारतीय नागरिक हैं, जिनकी उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक है, और जो सामान्यतः उस क्षेत्र के निवासी हैं जहाँ वे मतदान के लिए पंजीकृत हैं. उन्होंने कहा, “तो, अगर मतदाता सूची में संशोधन किया जा रहा है, तो इसमें समस्या क्या है? क्या वे चाहते हैं कि मतदाता सूची में ऐसे नाम भी रहें जो वहां के नहीं हैं, जैसे घुसपैठियों के? क्या यह सच नहीं है कि कभी-कभी रोहिंग्या या ऐसे ही अन्य लोग अवैध रूप से अपना नाम मतदाता सूची में जुड़वा लेते हैं? अगर यह काम पूरी ईमानदारी से किया जा रहा है, तो इसमें आपत्ति क्या है?”
विपक्षी पार्टियों पर लगाए कई आरोप
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि संदेश स्पष्ट है कि विपक्षी नेता इस मुद्दे का राजनीतिकरण करके उन लोगों को लाभ पहुंचाना चाहते हैं जिनके नाम अवैध रूप से मतदाता सूची में जोड़े गए हैं. उन्होंने कहा, “सच्चाई यह है कि वे जानते हैं कि वे बिहार चुनाव नहीं जीतेंगे, ठीक वैसे ही जैसे वे हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली में हार गए थे.” बता दें कि बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राजद के तेजस्वी यादव और अन्य विपक्षी नेता बुधवार को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ बिहार में राज्यव्यापी बंद में शामिल हुए. मतदाता सूची पुनरीक्षण के समय और उद्देश्य पर सवाल उठाते हुए, विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग ने राज्य में विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले ही यह कवायद “काफी संख्या में मतदाताओं को मताधिकार से वंचित” करने और सत्तारूढ़ एनडीए को लाभ पहुंचाने के लिए शुरू की है.
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