India Monsoon Alert: देश के कई हिस्सों में इस समय मानसून राहत से ज्यादा आफत बनकर बरस रहा है. जलभराव, ट्रैफिक, बाढ़ और भूस्खलन जैसे हालात ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. ऐसे में लोगों से अपील है कि वह सतर्क रहें और मौसम विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन करें.
India Monsoon Alert: जुलाई की शुरुआत के साथ ही देशभर में मानसून पूरी तरह सक्रिय हो चुका है. जहां एक ओर इससे गर्मी और उमस से राहत मिली, वहीं दूसरी ओर लगातार तेज बारिश ने बाढ़, जलभराव और भूस्खलन जैसे हालात खड़े कर दिए हैं. राजधानी दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, असम और राजस्थान समेत कई राज्यों में हालात गंभीर हैं.केंद्र और राज्य सरकारें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं, लेकिन बारिश के रुकने के फिलहाल कोई संकेत नहीं हैं.
दिल्ली में जलभराव और ट्रैफिक का संकट
9 जुलाई की शाम दिल्ली-एनसीआर के झिलमिल, ITO, आउटर रिंग रोड, कालकाजी, अश्रम और अक्षरधाम जैसे इलाकों में भारी बारिश के कारण सड़कें पानी में डूब गईं. कई वाहन रेंगते नजर आए और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को डायवर्जन करना पड़ा. पीडब्ल्यूडी कंट्रोल रूम को एक ही दिन में 29 जलभराव की शिकायतें मिलीं. जखीरा अंडरपास और NH-48 जैसे प्रमुख मार्ग सबसे ज्यादा प्रभावित रहे.

उत्तराखंड-हिमाचल में भूस्खलन और क्लाउडबर्स्ट की तबाही
उत्तराखंड के चमोली, रुद्रप्रयाग और अल्मोड़ा जिलों में भूस्खलन की घटनाओं ने चारधाम यात्रा को प्रभावित किया. प्रशासन ने हाईवे पर JCB मशीनें तैनात कर दी हैं. वहीं, हिमाचल प्रदेश में मानसून की मार और भी भयानक है. अब तक 31 फ्लैश फ्लड, 22 क्लाउडबर्स्ट और 17 लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. 54 लोगों की जान जा चुकी है और करीब 740 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है. राज्य में 174 सड़कें अभी भी बंद हैं.
महाराष्ट्र-उत्तर प्रदेश में बाढ़ जैसे हालात

महाराष्ट्र के नागपुर और चंद्रपुर जिलों में भारी बारिश और बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. नागपुर के 71 गांवों का संपर्क टूट चुका है और दो युवकों की बाढ़ में मौत हो चुकी है.चंद्रपुर में वेनगंगा नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि के चलते 25 गांवों का संपर्क कट गया है. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर बढ़ने से रामघाट और दशाश्वमेध घाट जैसे धार्मिक स्थल जलमग्न हो गए हैं.
राजस्थान में बारिश से दर्दनाक हादसे
राजस्थान के धौलपुर और जैसलमेर जिलों में भारी बारिश ने कहर बरपाया. धौलपुर के मनिया कस्बे की सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया है. पोकरण में एक गड्ढे में गिरकर एक ही परिवार के चार बच्चों की मौत हो गई, जिससे पूरे इलाके में शोक की लहर है.
असम और पूर्वोत्तर में भीषण बाढ़ का संकट
असम इस बार की मानसूनी तबाही का सबसे बड़ा शिकार बन चुका है. अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है और 29,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. गोलाघाट जिला सबसे ज्यादा संकटग्रस्त है, जहां अकेले 23,000 लोग बाढ़ से जूझ रहे हैं. करीब 5,000 लोग राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं. मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में लनवा और तुइथा नदियों के उफान से 100 से ज्यादा घर जलमग्न हो गए हैं.
हवाई यातायात पर भी पड़ा असर
9 जुलाई को दिल्ली एयरपोर्ट से छह उड़ानों का मार्ग बदलना पड़ा. चार उड़ानें जयपुर और दो लखनऊ की ओर भेजी गईं. भारी बारिश और गरज-चमक के चलते कई उड़ानें देरी से चलीं. भारतीय मौसम विभाग ने दिल्ली-एनसीआर के लिए मध्यम से भारी बारिश की चेतावनी दी है.
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