Congress-BJP Controversy : नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान आरएसएस चीफ ने कहा कि 75 साल की उम्र के बाद ससम्मान रिटायर हो जाना चाहिए. अब विपक्षी पार्टियों ने पीएम मोदी पर निशाना साधना शुरू कर देना चाहिए.
Congress-BJP Controversy : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के 75 वर्ष की उम्र के लोगों को ‘ससम्मान विदा’ होने की सलाह देने के बाद भूचाल आ गया. वहीं, विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर अप्रत्यक्ष निशाना साधने वाले मुद्दे को तुरंत लपल लिया और उनसे नैतिक आधार पर रिटायर होने की तक मांग कर डाली. इसी कड़ी में कांग्रेस ने शुक्रवार को RSS प्रमुख की तरफ से की गई टिप्पणी को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के लिए यह कैसी घर वापसी है कि विदेश से लौटने पर सरसंघचालक ने उन्हें याद दिलाया कि इस वह 75 वर्ष के हो रहे हैं. विपक्षी दल ने मोहन भागवत के बयान को अच्छी खबर करार दिया. साथ ही कांग्रेस ने यह भी कहा कि देश और उसके संविधान के लिए अच्छे दिन आने वाले हैं, क्योंकि मोदी और भागवत इस साल 75 वर्ष के हो रहे हैं.
75 की उम्र में संन्यास लेना चाहिए
नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान मोहन भागवत ने बुधवार को संघ विचारक दिवंगत मोरोपंत पिंगले के 75 साल की उम्र के बाद संन्यास लेने संबंधी बयान का जिक्र किया. भागवत ने कहा कि पिंगले की इस टिप्पणी का जिक्र किया कि जब 75 साल की उम्र का शॉल आपके ऊपर डाल दिया जाता है, तो इका मतलब है कि आप एक निश्चित उम्र तक पहुंच गए हैं और आपको संन्यास ले लेना चाहिए और दूसरी जनरेशन को काम करने का मौका देना चाहिए. इसी बीच कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने एक्स हैंडल पर लिखा कि ‘बेचारे पुरस्कार जीवी प्रधानमंत्री!’ यह घर वापसी है- लौटते ही सरसंघचालक ने उन्हें याद दिलाया कि 17 सितंबर, 2025 को वे 75 वर्ष के हो जाएंगे. लेकिन प्रधानमंत्री सरसंघचालक से यह भी कह सकते हैं कि वे भी 11 सितंबर, 2025 को 75 साल के हो जाएंगे. अब एक तीर से दो निशाने हैं.
खुश होने का वक्त आ गया
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने दावा किया कि मोहन भागवत के इस बयान के बाद से उत्साह और खुशी की लहर है. खेड़ा ने आगे कहा कि यह अच्छी खबर है कि इस साल 11 सितंबर, 2025 को भागवत 75 के हो जाएंगे और 17 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी भी 75 साल के हो जाएंगे. कांग्रेस नेता ने बताया कि बीते 11 सालों से देश में संविधान और संवैधानिक संस्थाओं की हालत ऐसी कर दी गई है कि अब 17 सितंबर को उससे राहत मिलेगी. खेड़ा ने एक वीडियो जारी किया कि 11 सितंबर को पहला कदम उठाया जाएगा, क्योंकि इन्हीं दोनों ने देश की आत्मा के साथ खिलवाड़ किया है. उन्होंने दावा किया कि तो अब खुश होने का वक्त गया, क्योंकि भारत और उसके संविधान के अच्छे दिन आने वाले हैं क्योंकि नरेन्द्र मोदी और मोहन भागवत जाने वाले हैं.
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