कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने शनिवार को कई मुद्दों का जिक्र करते हुए बिहार सरकार पर निशाना साधा है. इससे पहले भी सुप्रिया श्रीनेत, नीतीश कुमार को घेर चुकी हैं.
Supriya Shrinate on Bihar Election: कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने शनिवार को बिहार सरकार को घेरा है. सुप्रिया श्रीनेत के बयानों को कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी शेयर किया. सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “बिहार में सबसे ज्यादा सुरक्षित एक कुत्ता है. यहां एक सांसद जी का कुत्ता खो गया, तो उसे खोजने के लिए पूरा पुलिस प्रशासन लग गया और अंत में खोज निकाला. लेकिन काश इसी प्रतिबद्धता से बिहार सरकार और प्रशासन यहां के बच्चों, कारोबारियों और महिलाओं को भी बचा पाते. सवाल है कि क्या बिहार सरकार और प्रशासन बच्चों, कारोबारियों और महिलाओं के लिए नहीं हैं- आखिर यह सरकार किसके लिए चल रही है? सवाल ये भी है कि बिहार अपराध और रक्त रंजन से क्यों भर चुका है?
हत्याओं का किया जिक्र
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “देश की आजादी को 7 दशक से ज्यादा हो गया है, लेकिन आज भी बिहार में दिनदहाड़े हत्याओं का सिलसिला जारी है. बिहार में अपराध की कुछ घटनाएं देखिए-
⦁बालू के कारोबारी रमाकांत यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई, उसके पहले उनके भाई की हत्या की गई थी
⦁मगध अस्पताल के मालिक व बड़े बिजनेसमैन गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या कर दी गई, उसके पहले उनके बेटे की हत्या की गई थी
⦁कारोबारी अंजनी सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई
⦁कारोबारी जरी अहमद की हत्या कर दी गई
⦁किराना व्यापारी विनय गुप्ता की हत्या कर दी गई
⦁कारोबारी रमेश चंद्रा की हत्या कर दी गई
⦁नामी ज्वैलर संजय अग्रवाल को गोलियों से भून दिया गया
⦁सुरभि अस्पताल की संचालिका की उनके चैंबर में हत्या कर दी गई
⦁कपड़ा कारोबारी विनोद मेहता की हत्या कर दी गई. पटना में ADG लॉ एंड ऑर्डर के सामने बदमाशों ने 8 राउड फायरिंग की, लेकिन बिहार सरकार ने एक शब्द नहीं बोला.”
दलित उत्पीड़न की बात की
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “कोई दिन ऐसा नहीं बीतता, जब बिहार के अखबारों में बच्ची के रेप, हत्या और छोटे बच्चों के साथ कुकर्म की घटनाएं सामने नहीं आती. बिहार में अपराध के मामलों में साल 2005-2022 के बीच 323% की वृद्धि हुई है.
⦁ हत्या के मामले में बिहार राज्य देश में यूपी के बाद दूसरे नंबर पर है
⦁ हत्या की कोशिश के मामले में बिहार राज्य देश में दूसरे नंबर पर है
⦁ हत्या, रेप, अपहरण, फिरौती, डकैती के मामले 200% तक बढ़े हैं
⦁ बिहार में महिला अपराध में 336% की वृद्धि हुई है, करीब एक लाख 17 हजार मामले अदालतों में लंबित हैं
⦁ महिला अपहरण में 1000% की वृद्धि हुई है और करीब 62 हजार बच्चे कुकर्म-दुष्कर्म का शिकार हुए हैं
⦁ दलित उत्पीड़न के मामले में बिहार देश में दूसरे नंबर पर है
ये आंकड़े दिखाते हैं कि बिहार में बच्चे, कारोबारी, महिलाएं, दलित, पिछड़े और आदिवासी सुरक्षित ही नहीं है. यहां सुरक्षित सिर्फ अपराधी हैं, जिन्हें सरकार का संरक्षण प्राप्त है. राज्य के हर जिले में महिलाएं असुरक्षित हैं. जगह-जगह गैंगवार हो रहे हैं और JDU-BJP सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है.
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