Russia Supports North Korea: मॉस्को-प्योंगयांग की गहराती दोस्ती से घबराए पश्चिमी देश, रूस ने कहा,”उत्तर कोरिया के खिलाफ किसी भी सुरक्षा गठबंधन की कोशिश नाकाम होगी.”
रूस और उत्तर कोरिया के बीच बढ़ती नजदीकियों ने अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान की चिंताओं को और बढ़ा दिया है. इस बीच रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने साफ शब्दों में तीनों देशों को चेताया है कि अगर उन्होंने उत्तर कोरिया के खिलाफ कोई सुरक्षा गठबंधन बनाने की कोशिश की, तो इसके गंभीर रणनीतिक परिणाम होंगे. बता दें, लावरोव उत्तर कोरिया के पूर्वी शहर वॉनसान में पहुंचे थे, जहां उन्होंने देश के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन से मुलाकात की.
पुतिन का संदेश, रणनीतिक गठजोड़
लावरोव ने इस मुलाकात में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का व्यक्तिगत संदेश किम को सौंपा और कहा कि रूस तथा उत्तर कोरिया को अंतरराष्ट्रीय मामलों में समन्वित कदम उठाने की आवश्यकता है. उत्तर कोरिया की आधिकारिक एजेंसी केसीएनए के अनुसार, दोनों नेताओं ने “सभी रणनीतिक मुद्दों” पर एक जैसी सोच होने की बात दोहराई और गठबंधन को अगले स्तर तक ले जाने का संकल्प जताया.
नए रणनीतिक साझेदार, पश्चिमी देशों की बढ़ी बेचैनी

रूस और उत्तर कोरिया के बीच हालिया सैन्य सहयोग और हथियारों की अदला-बदली को देखते हुए यह स्पष्ट होता जा रहा है कि यूक्रेन युद्ध में रूस को सैन्य और आर्थिक समर्थन देने वाला उत्तर कोरिया अब मास्को का नया रणनीतिक साथी बन चुका है. वहीं यह सहयोग अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए चिंता का कारण बन गया है, जो इस गठबंधन को एशिया में अस्थिरता का कारक मान रहे हैं.
परमाणु कार्यक्रम पर रूस का समर्थन
लावरोव ने प्रेस से बातचीत में उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम का खुलकर समर्थन किया. उन्होंने कहा, “उत्तर कोरिया के पास जो तकनीक है, वह उनके वैज्ञानिकों की देन है. हम उनकी आकांक्षाओं का सम्मान करते हैं और उनके परमाणु विकास की आवश्यकता को समझते हैं.” यह बयान पश्चिमी देशों के उन दावों पर सीधा जवाब है, जिसमें उत्तर कोरिया की गतिविधियों को वैश्विक शांति के लिए खतरा बताया जा रहा है.
अमेरिका-जापान-दक्षिण कोरिया को नसीहत
रूस के विदेश मंत्री ने तीनों देशों पर सैन्य जमावड़े का आरोप लगाते हुए कहा, “हम चेतावनी देते हैं कि इस प्रकार के गठजोड़ किसी भी देश के खिलाफ ना बनाएं- न उत्तर कोरिया के खिलाफ और न रूस के खिलाफ.”
गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले अमेरिका ने दक्षिण कोरिया और जापान के साथ मिलकर एक संयुक्त वायु अभ्यास किया था, जिसमें परमाणु क्षमता वाले अमेरिकी बॉम्बर्स ने हिस्सा लिया. इसका जवाब अब रूस ने इस सख्त बयान के रूप में दिया है.
रूस को किम का समर्थन
इस बैठक में उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने रूस के यूक्रेन में उठाए हर कदम को बिना शर्त समर्थन देने की बात कही. उन्होंने स्पष्ट किया कि मॉस्को और प्योंगयांग अब केवल सहयोगी नहीं बल्कि रणनीतिक साझेदार हैं, जो हर स्तर पर एक-दूसरे का साथ देंगे.
पर्यटन की नई कड़ी भी जोड़ेगा रूस
बैठक का आयोजन उत्तर कोरिया के वॉनसान शहर के उस नए बीच रिज़ॉर्ट में हुआ जो हाल ही में खोला गया है. लावरोव ने कहा, “हमें पूरा विश्वास है कि रूसी पर्यटक अब यहां आने के लिए और उत्साहित होंगे. हम इसके लिए आवश्यक हवाई संपर्क और अन्य सुविधाएं जल्द विकसित करेंगे.”
बढ़ती ध्रुवीयता और एशिया में नया शक्ति संतुलन
रूस और उत्तर कोरिया का यह बढ़ता गठबंधन केवल अमेरिका के लिए नहीं बल्कि पूरे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए एक नई रणनीतिक चुनौती बनता जा रहा है. जहां एक ओर पश्चिमी देश “इंडो-पैसिफिक स्ट्रेटेजी” के तहत चीन और उत्तर कोरिया को संतुलित करना चाहते हैं, वहीं रूस की यह सख्त चेतावनी बताती है कि अब वह पूर्वी एशिया में अपनी सैन्य और कूटनीतिक पकड़ मजबूत करने के मूड में है. रूस का यह बयान बताता है कि वैश्विक राजनीति अब दो ध्रुवों में तेजी से बंट रही है और इसमें एशिया एक निर्णायक युद्धभूमि बनता जा रहा है.
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