Home Top News स्पेस से लौट रहे शुभांशु शुक्ला ला रहे हैं ‘वैज्ञानिक खजाना’, जानें क्यों है उनका मिशन खास

स्पेस से लौट रहे शुभांशु शुक्ला ला रहे हैं ‘वैज्ञानिक खजाना’, जानें क्यों है उनका मिशन खास

by Jiya Kaushik
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Shubhanshu Shukla Space Mission: Axiom-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 18 दिन बिताने के बाद एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला 15 जुलाई को धरती पर लौटेंगे. उनके साथ लौट रहा है स्पेस से मिला एक अनमोल वैज्ञानिक खजाना. पढ़ें पूरी खबर

Shubhanshu Shukla Space Mission: शुभांशु शुक्ला की यह अंतरिक्ष यात्रा भारत के लिए गर्व का विषय है.जहां एक ओर उन्होंने वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण योगदान दिया है, वहीं दूसरी ओर उन्होंने भारतीय संस्कृति को भी अंतरिक्ष तक पहुंचाया. उनके द्वारा लाए जा रहे डेटा और सामग्री भविष्य की अंतरिक्ष योजनाओं के लिए अनमोल साबित हो सकते हैं. यह मिशन विज्ञान, प्रेरणा और भारतीयता – तीनों का संगम बन गया है.

बता दें, भारतीय मूल के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने Axiom-4 मिशन के अंतर्गत अंतरिक्ष में 18 दिन बिताए हैं. NASA के अनुसार, वह और उनकी टीम 14 जुलाई को वापसी की प्रक्रिया शुरू करेंगे और 15 जुलाई दोपहर 3 बजे (भारतीय समयानुसार) पृथ्वी पर लैंड करेंगे.

वैज्ञानिक ‘खजाना’ ला रहा है ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट

NASA की जानकारी के मुताबिक, शुभांशु और उनकी टीम ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में 263 किलो से ज्यादा वैज्ञानिक सामग्री लेकर लौट रहे हैं. इसमें नासा का उन्नत स्पेस हार्डवेयर, प्रयोगों में इस्तेमाल हुए उपकरण और 60 से अधिक साइंस एक्सपेरिमेंट्स के डेटा शामिल हैं. इन प्रयोगों का भविष्य की स्पेस टेक्नोलॉजी और मेडिकल रिसर्च में अहम योगदान होगा.

क्रू की वापसी की प्रक्रिया शुरू

Axiom-4 मिशन के सभी वैज्ञानिक कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है. अब क्रू की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. 14 जुलाई की शाम 4:35 बजे भारतीय समयानुसार, अंतरिक्ष यान ISS से अनडॉकिंग करेगा और वापसी की दिशा में बढ़ेगा.

कौन-कौन हैं Axiom-4 टीम में?

Axiom-4 मिशन में चार सदस्य शामिल हैं:
• पैगी व्हिटसन- मिशन कमांडर
• शुभांशु शुक्ला – पायलट
• स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की – मिशन विशेषज्ञ
• टिबोर कापू – मिशन विशेषज्ञ

अंतरिक्ष में ये लेकर गए शुक्ला

शुभांशु शुक्ला इस मिशन के साथ न केवल अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचने वाले पहले भारतीय बने हैं, बल्कि वे अंतरिक्ष में भारतीय स्वाद भी साथ ले गए. उन्होंने अंतरिक्ष में आम रस और गाजर का हलवा ले जाकर ‘घर का स्वाद’ बरकरार रखा. यह उनके लिए भावनात्मक और सांस्कृतिक जुड़ाव का प्रतीक रहा.

लॉन्च से लेकर अंतरिक्ष तक की यात्रा

Axiom-4 के तहत ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को 25 जून को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था. लगभग 28 घंटे की यात्रा के बाद यह यान 26 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचा था.

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