Maglev Train: यदि यह तकनीक भारत में आती है, तो यात्रा न सिर्फ तेज होगी, बल्कि आधुनिकता और समय की बचत का एक नया युग शुरू होगा.
Maglev Train: जहां भारत अभी बुलेट ट्रेन के सपने देख रहा है, वहीं चीन ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है जिसने दुनिया को चौंका दिया है. चीन ने बुलेट ट्रेन से भी तेज दौड़ने वाली मैगलेव ट्रेन बना ली है, जिसकी रफ्तार इतनी अधिक है कि वह हवा को भी पीछे छोड़ सकती है. अगर यही तकनीक भारत में लागू हो जाए, तो दिल्ली से मुंबई की दूरी भी सिर्फ दो घंटे में तय की जा सकती है.
क्या है मैगलेव ट्रेन और क्यों है इतनी खास

मैगलेव यानी मैग्नेटिक लेविटेशन ट्रेन एक ऐसी तकनीक पर आधारित है जिसमें ट्रेन पहियों पर नहीं बल्कि हवा में तैरती है. इसमें कोई फिजिकल टच नहीं होता, जिससे ट्रैक के साथ घर्षण शून्य के बराबर हो जाता है. इसकी रफ्तार आम बुलेट ट्रेन से लगभग दो गुनी यानी 600 किलोमीटर प्रति घंटे तक होती है. बीजिंग में हाल ही में आयोजित 17वीं मॉडर्न रेलवे एक्स्पो में इस ट्रेन का प्रदर्शन किया गया, जहां इसकी अत्याधुनिक तकनीक ने सभी का ध्यान खींचा. यह ट्रेन विशेष वैक्यूम ट्यूब ट्रैक पर चुंबकीय प्रणोदन प्रणाली से चलती है और इसकी गति देखते ही बनती है.
बीजिंग से शंघाई-सिर्फ दो घंटे में
फिलहाल चीन ने इस हाई-स्पीड मैगलेव ट्रेन को बीजिंग से शंघाई के बीच चलाने का प्लान बनाया है. 1200 किलोमीटर की दूरी को यह ट्रेन मात्र दो घंटे में पूरा कर लेगी. इस स्पीड के साथ यह न सिर्फ चीन की सबसे तेज़ ट्रेन बन जाएगी, बल्कि दुनिया की भी सबसे तेज़ रेल सेवा मानी जाएगी.
भारत में चले तो… दिल्ली से मुंबई महज दो घंटे!

अगर चीन की यह तकनीक भारत में भी अपनाई जाए तो दिल्ली से मुंबई की लगभग 1400 किलोमीटर की दूरी को भी सिर्फ दो घंटे में पूरा किया जा सकता है. फिलहाल भारत में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट अहमदाबाद और मुंबई के बीच चल रहा है, जिसकी रफ्तार 320 किमी/घंटा तक ही होगी. लेकिन मैगलेव ट्रेन इस रफ्तार को भी लगभग दोगुना पीछे छोड़ देती है.
कब शुरू होगा कमर्शियल ट्रायल
चीन ने इस हाई-स्पीड ट्रेन का पहला चरण पूरा कर लिया है और अब इसका कमर्शियल ट्रायल बाकी है. जल्द ही यह ट्रेन चीन के बड़े शहरों के बीच संचालन शुरू कर सकती है, जिससे देश के परिवहन सिस्टम में क्रांतिकारी बदलाव आने वाला है.
चीन की यह नई मैगलेव ट्रेन केवल एक तकनीकी चमत्कार नहीं है, बल्कि यह आने वाले समय में यात्रा की परिभाषा को बदल देने वाला आविष्कार है. जब दुनिया इतनी तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है, तो भारत के लिए यह समय है कि वह भी हाई-स्पीड ट्रांसपोर्टेशन में अगला कदम बढ़ाए. यदि यह तकनीक भारत में आती है, तो यात्रा न सिर्फ तेज होगी, बल्कि आधुनिकता और समय की बचत का एक नया युग शुरू होगा.
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