Donald Trump News : डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ वॉर छेड़ने का एक उद्देश्य यह भी है कि वह दूसरे देशों को LNG खरीदने के लिए मजबूर करना चाहते हैं. वहीं, विश्लेषकों का कहना है कि इससे सौर ऊर्जा परियोजना को नुकसान होगा.
Donald Trump News : दुनिया भर के देशों पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Donald Trump) ने टैरिफ लगाकर उन्हें भारी झटका दिया है और अब वह चाहते हैं कि बातचीत के लिए वह हमारी मेज पर आएं. साथ ही ट्रंप का मानना है कि अमेरिका से दुनिया भर के देशों ने बहुत लाभ कमाया है, ऐसे में उन्हें अब किसी न किसी शर्तों पर अमेरिका से बिजनेस करना होगा. इसी बीच अमेरिकी व्यापार घाटे को लेकर तनाव कम करने और बढ़ते टैरिफ को रोकने के लिए एशियाई देश ट्रंप प्रशासन के साथ बातचीत में अमेरिका के तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) खरीदने की पेशकश कर रहे हैं. इसी बीच विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि यह रणनीति उन देशों की दीर्घकालिक जलवायु और ऊर्जा सुरक्षा को काफी कमजोर कर सकता है.
एशियाई देशों को LNG खरीदने पर जोर दिया
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से लगाए गए भारी टैरिफ के बाद वह चाहते हैं कि खासकर एशियाई देश को LNG खरीदने के लिए मजबूर कर सकें. इसके अलावा वियतनामी प्रधानमंत्री ने एक सरकारी मीटिंग में बताया कि सुपर सुपर-कूल्ड फ्यूल खरीदने पर जोर दिया और सरकार ने मई में एक अमेरिकी कंपनी के साथ गैस आयात केंद्र विकसित करने के लिए एक समझौते पर साइन किए हैं. साथ ही जापान की सबसे बिजली कंपनी जेरा ने भी पिछले महीने साल 2030 के आसपास सालाना 55 लाख मीट्रिक टन तक अमेरिकी गैस खरीदने के लिए कॉन्ट्रैक्ट किया है. एशिया का भारी मात्रा में LNG बेचने का प्रयास का पिछले कार्यकाल में भी चल रहा था. साथ ही वह व्यापार समझौते हासिल करने के लिए भी तीव्र कोशिश में लगे हुए हैं.
44 अरब की परियोजना पर चर्चा हुई
आपको बताते चलें कि LNG का उपयोग परिवहन, घरों में खाना पकाने, हीटिंग और औद्योगिक प्रक्रियाओं में ईंधन का उपयोग किया जाता है. दूसरी तरफ डोनाल्ड ट्रंप ने दक्षिण कोरिया के साथ 44 अरब डॉलर की अलास्का LNG परियोजना पर सहयोग पर चर्चा की, जिसकी वजह से जून में अधिकारियों ने इस परियोजना का दौरा किया. अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस परियोजना को अलास्का के विशाल उत्तरी ढलान से दक्षिण-मध्य अलास्का के निकिस्की स्थित एक द्रवीकरण संयंत्र तक गैस की आपूर्ति के एक तरीके रूप में प्रचारित किया है. वहीं, थाईलैंड ने अमेरिकी ईंधन के लिए एक दीर्घकालिक समझौते के लिए प्रतिबद्धता की पेशकश की है और उसकी अलास्का परियोजना में रुचि दिखाई है, जिसके तहत करीब 810 मील लंबी पाइपलाइन का निर्माण किया जाएगा.
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