Home Top News वाम राजनीति के एक युग का अंत! केरल के पूर्व CM अच्युतानंदन का निधन, पार्टी ने किया शोक व्यक्त

वाम राजनीति के एक युग का अंत! केरल के पूर्व CM अच्युतानंदन का निधन, पार्टी ने किया शोक व्यक्त

by Sachin Kumar
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CPIM pays rich tributes VS Achuthanandan

VS Achuthanandan Passes Away : केरल के पूर्व सीएम वी. एस. अच्युतानंदन का 101 वर्ष की आयु में निधन हो गया. सम्मानित नेता के निधन पर CPI(M) ने शोक व्यक्त किया.

VS Achuthanandan Passes Away: केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ वामपंथी नेता वी. एस. अच्युतानंदन (VS Achuthanandan) का 101 वर्ष की आयु में निधन हो गया और सीपीआई(एम) ने निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया. अच्युतानंदन काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे और ह्रदय संबंधी समस्या होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अब उनके निधन की जानकारी खुद कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्कवादी) ने दी है. CPI(M) ने अपने एक बयान में अच्युतानंदन को एक उत्कृष्ट नेता और कम्युनिस्ट आंदोलन का एक अनुभवी व्यक्ति बताया.

पीएम मोदी ने किया दुख व्यक्त

अच्युतानंदन के निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी शोक व्यक्त किया और अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा कि केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन के निधन से दुःखी हूं. उन्होंने अपने जीवन के कई वर्ष जनसेवा और केरल की प्रगति के लिए समर्पित कर दिए. मुझे उन दिनों की यादें ताजा हो रही हैं जब हम दोनों अपने-अपने राज्यों के मुख्यमंत्री थे. इस दुःख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं.

CPI में 17 वर्ष की उम्र में शामिल हुए

कार्यकर्ता अच्युतानंदन को प्यार से वीएस कहते थे और उन्हें कुशल संगठनकर्ता कहे जाते थे, जिन्होंने केरल में विभिन्न संघर्षों का नेतृत्व किया. CPI(M) ने बताया कि ट्रेड यूनियन आंदोलन के दौरान उनका पहला परिचय हुआ और उस दौरान उन्होंने एस्पिनवॉल कंपनी में काम करने वाले नारियल रेशा मजदूरों को संगठित किया. साल 1940 में 17 वर्ष की उम्र में वीएम कम्युनिस्ट पार्टी शामिल हो गए. इसी बीच कृष्ण पिल्लई ने उन्हें कुट्टनाड में खेतिहर मजदूरों का काम सौंपा, जिनका उस वक्त जमींदारों द्वारा भयंकर तरीके से शोषण किया जा रहा था. इसके अलावा पार्टी ने कहा कि त्रावणकोर के दीवान के खिलाफ पुन्नपरा-वायलार विद्रोह के दौरान वीएम को भूमिगत तक होना पड़ा था. साथ गिरफ्तार करने के बाद उन्हें भयंकर यातनाएं दी.

ऐसे शुरू हुआ उनका कम्युनिस्ट संघर्ष

बता दें कि वीएस साल 1956 में संयुक्त कम्युनिस्ट पार्टी की राज्य समिति और 1958 में राष्ट्रीय परिषद के लिए चुने गए. वे राष्ट्रीय परिषद के उन 32 जीवित सदस्यों में से अंतिम थे जिन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का गठन करने के लिए पार्टी छोड़ दी थी. उन्होंने साल 1980 से 1991 तक सीपीआई (एम) की केरल राज्य समिति के सचिव के रूप में काम किया. अच्युतानंदन 1964 में पार्टी की केंद्रीय समिति के लिए चुने गए और उसके बाद 1985 में पोलित ब्यूरो के सदस्य बनाए गए. इसके बाद साल 2006 से 2011 तक केरल के मुख्यमंत्री पर भी विराजमान रहे. वहीं, 2022 में उन्होंने अधिक आयु की वजह से केंद्रीय समिति से मुक्त कर दिया गया था.

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