वाइस प्रेसिडेंट जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के मुद्दे पर राष्ट्रीय जनता दल ने बीजेपी पर निशाना साधा है. आरजेडी ने इस्तीफे को बीजेपी की साजिश बताया है.
Row on Jagdeep Dhankhar Resignation: बिहार में विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल ने वाइस प्रेसिडेंट जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी को घेरा है. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, आरजेडी ने मंगलवार को दावा किया कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा भाजपा द्वारा रची गई एक साजिश है, जिसका उद्देश्य विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘हटाना’ है. हालांकि, राज्य के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी, राज्य के मंत्री श्रवण कुमार ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया.
आरजेडी ने किया ये दावा
विधानसभा में आरजेडी के चीफ व्हिप अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने दावा किया, “लंबे समय से, भाजपा नीतीश कुमार से छुटकारा पाकर अपना मुख्यमंत्री बनाना चाहती थी. विधानसभा चुनाव से पहले, जिसमें एनडीए की हार निश्चित है, वे हताश हो गए हैं.” न्यूज एजेंसी PTI से बात करते हुए, उन्होंने दावा किया, “लंबे समय से, भाजपा के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार को हटाने के पक्ष में बोलते रहे हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने एक बार तो नीतीश कुमार को उप-प्रधानमंत्री बनाने की वकालत तक कर दी थी. इसलिए, यह निष्कर्ष निकालना गलत नहीं होगा कि धनखड़ का इस्तीफा भाजपा की एक साजिश है, जिसका उद्देश्य उपराष्ट्रपति जैसे राजनीतिक रूप से महत्वहीन पद देकर नीतीश कुमार को हटाना है.”
सुशील कुमार मोदी ने क्या कहा था?
बता दें कि दिवंगत सुशील कुमार मोदी आरोप लगाया था कि नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति पद के लिए पैरवी कर रहे थे और जब उस समय लोकसभा में बहुमत वाली भाजपा ने जदयू सुप्रीमो को पद देने से इनकार कर दिया, तो वे एनडीए से बाहर हो गए. नीतीश कुमार ने 2022 में भाजपा से नाता तोड़ लिया था और उन पर जदयू को “तोड़ने” की कोशिश करने का आरोप लगाया था, लेकिन पिछले साल लोकसभा चुनावों से पहले उन्होंने फिर से गठबंधन कर लिया, जिसके बाद उनकी पार्टी एक महत्वपूर्ण सहयोगी के रूप में उभरी, जिस पर अब बीजेपी, केंद्र में सत्ता में बने रहने के लिए निर्भर है.
जेडीयू ने क्या कहा?
इस बीच, जदयू के वरिष्ठ नेता श्रवण कुमार ने राजद नेता के दावे पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार के बिहार छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं है. वह यहीं रहेंगे, विधानसभा चुनावों में एनडीए को जीत दिलाएंगे और राज्य की जनता की सेवा करते हुए एक और कार्यकाल का आनंद लेंगे.” धनखड़ ने सोमवार शाम को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा भेज दिया और कहा कि वह तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं.
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