Home राजनीति CM Manik Saha : मुख्यमंत्री माणिक साहा लेने जा रहे अहम फैसला, इन मामलों को फिर से खोलने का कर रहे विचार

CM Manik Saha : मुख्यमंत्री माणिक साहा लेने जा रहे अहम फैसला, इन मामलों को फिर से खोलने का कर रहे विचार

by Rashmi Rani
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CM Manik Saha: मुख्यमंत्री माणिक साहा लेने जा रहे अहम फैसला, इन मामलों को फिर से खोलने का कर रहे विचार

CM Manik Saha : त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि राज्य सरकार लोकसभा चुनाव के बाद लेफ्ट और कांग्रेस सरकार के दौरान हुई कथित राजनीतिक हत्याओं से जुड़े मामलों को फिर से खोलने पर विचार कर रही है.

14 April, 2024

CM Manik Saha : त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार लोकसभा चुनाव के बाद लेफ्ट और कांग्रेस सरकार के दौरान हुई कथित राजनैतिक हत्याओं से जुड़े मामलों को फिर से खोलने पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि कानूनी विशेषज्ञों से सलाह ली जा रही है और राजनीतिक हत्याओं के मामलों को फिर से खोलने की योजना पर काम चल रहा है.

पांच साल के शासन के दौरान हत्या की कई घटनाएं हुईं

मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री बिमल साहा, विधायक मधुसूदन साहा और परिमल साहा की हत्या कर दी गई थी. 1993 से 2018 तक वामपंथी शासन और 1988 से 1993 तक कांग्रेस-त्रिपुरा उपजति जुबा समिति (टीयूजेएस) गठबंधन सरकार के पांच साल के शासन के दौरान हत्या की कई घटनाएं हुईं हैं. ऐसे में सभी मामलों को फिर से खोलने का विचार किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वे कहते रहते हैं कि यहां कोई लोकतंत्र नहीं है. ये खून-खराबा, आतंक ये कम्युनिस्टों की नीति है. कांग्रेस और सीपीआईएम लोकतंत्र की आड़ में हिंसा का प्रचार कर रहे हैं, क्या दुनिया में कम्युनिस्टों की तरफ से शासित देशों में लोकतंत्र है? वे समाजवाद चिल्लाते रहते हैं, लेकिन वे समाज के सबसे बड़े दुश्मन बन गए हैं. हमने देखा है कि वे मालिकों और मजदूरों के बीच टकराव पैदा करने के लिए फूट डालो और राज करो की नीति का इस्तेमाल कैसे कर रहे हैं.

मधुसूदन साहा को अज्ञात बदमाशों ने मारी थी गोली

बता दें कि साल 2001 में विपक्षी कांग्रेस विधायक मधुसूदन साहा की हत्या कर दी गई थी. त्रिपुरा के अगरतला में उनके आवास के पास अज्ञात बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी थी. जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अस्पताल पहुंने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया था. उस समय गुस्साए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जीबी अस्पताल के आपातकालीन खंड में तोड़फोड़ की और फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया और खिड़की के शीशे तोड़ दिए थे.

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